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सिद्धू बोले- EVM से नहीं बैलट पेपर से हों चुनाव, पता चल जाएगा कौन कितना पानी में
नवजोत सिंह सिद्धू ने यह भी कहा कि कई विकसित देश ईवीएम पर पाबंदी लगा चुके हैं और बैलेट पेपर से चुनाव करवा रहे हैं. पिछले कुछ साल से संस्थाओं को कठपुतली बनाया जा रहा है. इस तानाशाही के खिलाफ कोई भी आवाज उठाता है तो उसे डराया जाता है.
चंडीगढ़. मंगलवार को पंजाब विधानसभा में पंजाब के पूर्व कैबनेट मंत्री और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनावों में प्रयोग हो रही ईवीएम मशीन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव ईवीएम मशीन से नहीं, बैलेट पेपर के जरिए करवाए जाने चाहिए. उन्होंने दावा किया कि चुनाव अगर बैलेट पेपर से करवाए जाएं, तो यह साफ हो जाएगा कि कौन कितने पानी में है.
सिद्धू ने यह भी कहा कि कई विकसित देश ईवीएम पर पाबंदी लगा चुके हैं और बैलेट पेपर से चुनाव करवा रहे हैं. पिछले कुछ साल से संस्थाओं को कठपुतली बनाया जा रहा है. इस तानाशाही के खिलाफ कोई भी आवाज उठाता है तो उसे डराया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाते हैं, तो केंद्र सरकार एक भी सीट नहीं जीत पाएगी. सिद्धू ने ईवीएम मशीन के प्रयोग के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने की भी वकालत की.
लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत बैंस ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र की तर्ज पर पंजाब विधानसभा में भी ईवीएम के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहिए. नवजोत सिंह सिद्धू के बाद विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने भी ईवीएम मशाीन को बंद करने की मांग उठाई और कहा कि दिल्ली विधान सभा में भी ईवीएम की मॉक टेस्टिंग करवाई गई है जिसमें मशीन को टेंपरिंग करने की बात का खुलासा हुआ है. इस पर विधानसभा स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा कि यह विधानसभा का मामला नहीं है.
इन देशों ने ईवीएम को कर रखा है बैन
ईवीएम मशाीन को लेकर भारत में चुनावों के दौरान राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहते हैं. काफी देश ईवीएम मशीन के जरिए चुनाव को नकार चुके हैं. नीदरलैंड ने इसके प्रयोग पर 2006 में प्रतिबंध लगा दिया था. जर्मनी के सुप्रीम कोर्ट ने इसे 2009 में असंवैधानिक करार दिया था. यहां पर भी ईवीएम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इंग्लैंड और फ्रांस भी ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करते हैं. अमरीका में ईवीएम का प्रयोग चुनाव में नहीं किया जाता है.