पूर्व सीएम कमलनाथ ने अटकलों पर लगाया विराम, बोले- न आराम करूंगा न मध्य प्रदेश छोड़ूंगा!

कमलनाथ ने सीधे-सीधे ये तो नहीं कहा कि 2023 का एमपी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन ये साफ कह गए कि मैं कार्यकर्ता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहूंगा.

भोपाल. पीसीसी चीफ, प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) ने उनके मध्य प्रदेश छोड़ने और राजनीतिक संन्यास की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्‍होंने साफ ऐलान किया कि मैं एमपी में ही रहूंगा और फिलहाल आराम का सवाल ही नहीं है. कमलनाथ NEWS18 मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के आयोजन Rising Madhya Pradesh 2021 के मंच पर बोल रहे थे.

कमलनाथ ने कुछ दिन पहले अपने निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में एक बयान दिया था. उसके कई मायने निकाले गए. उनके राजनीतिक संन्यास और मध्य प्रदेश छोड़ने के कयास लगाए जाने लगे, लेकिन आज कमलनाथ ने सारी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया.आराम के सवाल पर कमलनाथ ने पलटकर पूछा कि क्या आपको मैं आराम करने लायक लग रहा हूं.

उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में दिये मेरे बयान में से मीडिया ने आधी बात पकड़ ली. मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि मैं मध्य प्रदेश में ही रहूंगा. इसे छोड़ने वाला नहीं. इस प्रदेश ने मुझे बहुत कु छ किया. हमें एमपी को विकसित राज्य बनाना है. हमने विधानसभा में भी शिवराज सरकार से वादा किया है कि विकास में हम सरकार का पूरा साथ देंगे. प्रदेश और यहां के नौजवानों के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना है. विकास में हमारी तुलना त्रिपुरा से न हो बल्कि कर्नाटक जैसे राज्यों से हो.

2023 के विधानसभा चुनाव में क्या कमलनाथ करेंगे नेतृत्व

कमलनाथ ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस पार्टी क्या कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ेगी. वो बोले कि मैं आराम नहीं करना चाहता. मैं यहीं पार्टी के साथियों के साथ रहूंगा.अभी आराम करने का सवाल ही नहीं. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करूंगा. हमारा मुकाबला बीजेपी से नहीं बल्कि बीजेपी के संगठन से है. ऐसा संगठन खड़ा करना है जो बीजेपी से मुकाबला कर सके.

प्रदेश चलाने और मुंह चलाने में फर्क
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कहा-मुंह चलाने और प्रदेश चलाने में काफी अंतर होता है.अपनी सरकार गिराए जाने पर कमलनाथ बोले-सौदेबाज़ी की राजनीति मैं नहीं करता.इस प्रकार की राजनीति नहीं चाहता.बाबा साहेब ने संविधान बनाया.उसमें ये व्यवस्था दी कि किसी विधायक या सांसद का निधन होने पर उप चुनाव होगा.उन्होंने ऐसा कभी नहीं सोचा होगा कि मध्य प्रदेश में सौदे बाजी की राजनीति होगी.एमपी की पहचान बिकाऊ प्रदेश की हो गयी. मुझे भूख नहीं कि मैं सत्ता में रहूं लेकिन इस तरह की राजनीति का मैं पक्षधर नहीं.कमलनाथ ने खुलासा किया कि विधायक आए थे कि बीजेपी सौदा कर रही है. बैंगलोर से भी फोन आए. सौदे की राजनीति को आप चाहें जो रूप दे दो.कांग्रेस के दल बदलू विधायकों के आरोप पर कमलनाथ बोले-अगर कमलनाथ से नाराज थे तो सौदा क्यों किया.उन्होंने सिंधिया पर तंज कसा कि वो क्या कहेंगे कि हमने सौदा कर लिया और क्या कह सकते हैं,जनता समझदार है,आनेवाला समय तय करेगा.

 काम अधूरा रहने का दुख
सत्ता हाथ से जाने पर कमलनाथ ने रहा मुझे दुख है कि बहुत सी चीजों की शुरुआत करना थी वो नहीं कर पाए.नौजवानों को रोज़गार देना था. भविष्य की चुनौती उसका क्या करें.एमपी को कैसे नयी पहचान दें.विश्वास न हो तो निवेश नहीं आता. एमपी सेंटर पाइंट.एमपी के पास विकास के बहुत मौके हैं.

हमने किसान कर्ज़ माफ किया
कांग्रेस के कर्ज़ माफी वाले मुद्दे पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा-विधान सभा में खुद सरकार ने माना है कि 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया. मेरे पास सिर्फ 11 महिने थे. बाकी समय चुनाव आचार संहिता लागू होने और फिर एक महिना सरकार गिरने की उथल पुथल में चले गए.शिवराज अपने 15 साल की सरकार का मुकाबला हमारी 15 महिने की सरकार से करें.एमपी अपराध का राज्य बन गया है. यहां रोज 15 बच्चियों और महिलाओं से रेप, 16 अपहरण की वारदातें रोज.आज महंगाई किस स्तर पर है.युवा,किसान, छोटे व्यापारी हर वर्ग परेशान है.

माफिया हो गयी है बीजेपी
पूर्व सीएम कमलनाथ ने वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बनाने के आरोपों को सिरे से खारिज किया.उन्होंने कहा माफिया के खिलाफ कार्रवाई से बीजेपी घबराई हुई थी.हमारी सरकार ने माफिया के खिलाफ अभियान चलाया लेकिन एमपी में तो बीजेपी माफिया बन गयी है.हमने कहा था एमपी माफिया मुक्त होगा.ये जान गए थे कि कमलनाथ को कोई दबा नहीं सकता.कोई पटा नहीं सकता.मैंने नीति बनायी थी. माफिया एलिमेंट को बर्दाश्त नहीं करो.बीजेपी वाले नाम बताएं कौन है बीजेपी के लोग जिनके खिलाफ हमने कार्रवाई की.

गलती सुधारने का पुरस्कार
कमलनाथ ने हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में एंट्री पर कहा कि वो 23 साल कांग्रेस में रहे. जब कांग्रेस में टिकट नहीं मिला तो एक बार हिंदू महासभा में चले गए. अब अगर कोई अपनी गलती सुधार रहा है तो इसमें बुराई क्या है. अगर शिवराज आ जाएं तो उन्हें भी ले लेंगे.

EVM पर शक
पार्टी नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय के बाद कमलनाथ ने भी EVM पर शक ज़ाहिर किया. उन्होंने कहा हमें EVM की विश्वसनीयता पर शक है.अगर बीजेपी को अपनी जीत का भरोसा है और हमें EVM पर शक है तो पार्टी हमारे शक को दूर क्यों नहीं कर देती. मत पत्र से चुनाव क्यों नहीं करवाती. कमलनाथ ने कहा आप हमारा नहीं जनता का मत लूट रहे हैं.-

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