शिवराज ने कहा अभी वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा, कांग्रेस ने पूछा क्या मुख्यमंत्री को वैक्सीन पर भरोसा नहीं

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, टीकाकरण पहले प्रायोरिटी ग्रुप्स का होगा, बाद में मेरा होगा

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि वे अभी कोरोना की वैक्सीन नहीं लगाएंगे। शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रायोरिटी ग्रुप्स का टीकाकरण होने के बाद ही वे खुद वैक्सीन लगवाएंगे। शिवराज की इस घोषणा पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि क्या शिवराज जी को वैक्सीन पर भरोसा नहीं है ? 

दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज घोषणा की कि मध्यप्रदेश के सभी ज़िले वैक्सीनेशन के लिए तैयार हैं। शिवराज ने कहा कि सभी ज़िलों में वैक्सीन को लेकर व्यवस्थाएं भी कर ली गई हैं। उन्होंने निर्णय लिया है कि वे अभी वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। शिवराज ने कहा कि पहले प्रायोरिटी ग्रुप्स का वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाएगा। उसके बाद ही वैक्सीन लगवाएंगे।  

मुख्यमंत्री के इस निर्णय की कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने तीखी आलोचना की है। सलूजा ने कहा है कि कई देशों और राज्यों के प्रमुख वैक्सीन के प्रति जनता में विश्वास पैदा करने के लिए पहली वैक्सीन खुद लगवाने का निर्णय कर चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वैक्सीन लगवाने से खुद पीछे क्यों हट रहे हैं? सलूजा ने कहा है कि क्या मुख्यमंत्री को खुद वैक्सीन में भरोसा नहीं है ? 

पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि वे राज्य में सबसे पहले टीका लगवाएंगे ताकि जनता में वैक्सीन के प्रति विश्वास पैदा हो सके। इतना ही नहीं अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी ने सबके सामने फाइजर की वैक्सीन लगवाई थी। ऐसे में मुख्यमंत्री की यह दलील लोगों के गले नहीं उतर रही कि वे प्रायोरिटी ग्रुप्स का वैक्सीनेशन होने के बाद वैक्सीन लगवाएंगे। जनता में वैक्सीन के प्रति विश्वास जगाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद आगे आएं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है।

दूसरी तरफ कांग्रेस नेता शशि थरूर, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और आनंद शर्मा भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई कोवैक्सीन को उपयोग के लिए मिली आपातकालीन मंज़ूरी पर सवाल खड़ा कर चुके हैं। इन नेताओं का कहना है कि जब कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल ही पूरा नहीं हुआ है तो उसे आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी देना खतरे से खाली नहीं है। शशि थरूर ने यह भी कहा है कि लोगों के स्वास्थ्य की चिंता को ध्यान में रखते हुए ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड के उपयोग को ही मंज़ूरी देनी चाहिए थी। 

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