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सीधी हादसे में ज़्यादातर युवा परीक्षार्थियों की मौत, रेलवे और NTPC की परीक्षा देने जा रहे थे

सीधी बस हादसे में सामने आई नई जानकारी, बदले हुए रूट से आज पहली बार गुज़र रही थी बस, मेन रूट पर जाम लगे होने के कारण ड्राइवर ने बदला था रूट
सीधी। सीधी बस हादसे की वजह से जान गंवाने वालों में ज़्यादातर युवा परीक्षार्थी सवार थे। वे सभी रेलवे और एनटीपीसी की परीक्षा देने के लिए रीवा और सतना जा रहे थे। सीधी से सतना के बीच चलने वाली बसें सुबह के समय अकसर खाली ही जाती हैं। लेकिन मंगलवार को रेलवे और एनटीपीसी का एग्जाम था। रीवा और सतना में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इन परीक्षाओं के कारण ही सुबह सुबह इतनी भीड़ हो गयी कि बस ऑपरेटर ने 32 सीटर बस में 54 यात्री बैठा लिए। इन यात्रियों में ज्यादातर युवा ही थे, जो परीक्षा देने रीवा और सतना आ रहे थे।
यह भी पता चला है कि हादसे का शिकार हुई बस आज अपने सामान्य रूट की जगह पहली बार बदले हुए रूट से गुजर रही थी। उसी बदले हुए रूट पर इतना बड़ा हादसा हो गया। बस हर रोज़ छुहिया घाटी से होकर सतना जाती थी। नेशनल हाईवे-39 स्थित छुहिया घाटी में जगह-जगह गड्ढे और पत्थर पड़े होने की वजह से अक्सर ही ट्रैफिक जाम लग जाता है, जिसमें गाड़ियां घंटों फंसी रहती हैं।
बताया जा रहा है कि आज सुबह भी उस रूट पर हमेशा की तरह काफी जाम था, जिसकी वजह से ड्राइवर ने बस का रूट बदलकर नहर का रास्ता पकड़ा और यह हादसा हो गया। सीधी में यह दर्दनाक हादसा शायद घटित नहीं होता अगर बस के ड्राइवर ने रूट नहीं बदला होता। नहर वाला रास्ता बेहद संकरा है, जिसके चलते संतुलन बिगड़ते ही बस गहरी नहर में जा गिरी।
रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 42 शवों को निकाला जा चुका है। इनमें ज़्यादातर शव युवा परीक्षार्थियों के हैं। सात लोगों को सुरक्षित भी निकाला गया है। जिसमें तीन लड़कियां और चार लड़के हैं। बस में 54 यात्रियों के सवार होने की बात कही जा रही है। बाकी बचे हुए शवों के नहर में बह जाने की आशंका जताई जा रही है।
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दुर्घटना में मरने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की है।