CMP: कांग्रेस के ‘सेकुलरिज्म’ पर नहीं झुकना चाहती शिवसेना, ‘संविधान’ से हुई सुलह!

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना में बातचीत का दौर जारी है. पिछले कई दिनों से बैठक पर बैठक हो रही है और जल्द ही कोई समाधान भी निकल सकता है. दो अलग विचारधारा वाली पार्टियों का साथ आना इतना आसान भी नहीं रहा, क्योंकि जब दलों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर चर्चा चल रही थी तो ‘सेकुलरिज्म’ पर बात बार-बार अटकी.

सूत्रों की मानें, तो शिवसेना और कांग्रेस के बीच जब कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) पर बात हो रही थी तो इस शब्द का जिक्र बार-बार आया. कांग्रेस की ओर से दबाव बनाया जा रहा था कि इस शब्द को जरूर रखा जाए, लेकिन बात नहीं बनी.

लंबी बातचीत के बाद तय हुआ कि साझा कार्यक्रम में ‘भारतीय संविधान की प्रस्तावना’ को शामिल किया जाएगा, जिसके पालन की बात कही जाएगी. गौरतलब है कि संविधान की प्रस्तावना में पंथ-निरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने की कल्पना की गई है.

शुक्रवार तक लगेगी फाइनल मुहर!

बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच हुई मुलाकात के बाद इस गठबंधन का रास्ता साफ हुआ था. बुधवार को एक बार फिर दोनों पार्टियों के नेता आमने-सामने हुए और बात की, अब माना जा रहा है कि शुक्रवार को मुंबई में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना के गठबंधन पर मुहर लग सकती है. इससे पहले कांग्रेस-एनसीपी के नेता आज फिर दिल्ली में मिल रहे हैं.

शिवसेना नेता संजय राउत लगातार बयान दे रहे हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई में सरकार बनने जा रही है, ये सरकार दिसंबर के पहले हफ्ते में बन सकती है. संजय राउत का दावा है कि अगले दो दिनों में सरकार बनाने की पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.

गौरतलब है कि इससे पहले भी बात सामने आई थी कि शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी में कुछ मुद्दों पर बात अटकी हुई है, जिनमें विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न, 5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण पर बात अटकी हुई थी. हालांकि, इन मसलों पर क्या हुआ है ये फाइनल CMP आने के बाद ही साफ होगा.

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