- Stay away from these 19 dating warning flag in 2023
- ????ChinaLoveCupid Evaluation 2023 - whatever you have to find out about any of it! ????
- कांग्रेस की जन आक्रोश यात्राओं को मिल रहा है भारी जन समर्थन, वहीं भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पूरी तरह हो रही है फ्लाफ - कांग्रेस
- पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का इंदौर में बेरोजगार महापंचायत में संबोधन
- आंकड़ों की बाजीगरी से लाड़ली बहनाओं को 450 रू. के गैस सिलेण्डर देने में छल कर रही है शिवराज सरकार !
भोपाल में महानगरों से महंगा तेल, 94 रुपये 85 पैसे का हुआ एक लीटर पेट्रोल

भोपाल में डीज़ल भी 85 रुपये 14 पैसे लीटर, मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 38 प्रतिशत टैक्स, चंडीगढ़ में पेट्रोल 83.68 रुपये और डीजल 76.85 रुपये प्रति लीटर है
भोपाल। देश में सबसे महंगा पेट्रोल भोपाल में बिक रहा है। यहां प्रति लीटर पेट्रोल के दाम 94.85 रुपए और डीजल के 85.14 रुपए हैं। जबकि मुंबई में पेट्रोल 93.49 रुपये और डीजल 83.99 रुपए बिक रहा है। सबसे सस्ता पेट्रोल-डीज़ल चंडीगढ़ में है। यहां पेट्रोल के दाम 83.68 रुपये और डीजल के 76.85 रुपए प्रति लीटर हैं। कोलकाता में पेट्रोल 88.30 रुपए और डीजल 80.71 रुपये मिल रहा है। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 86.95 रुपये और डीजल का 77.13 रुपए प्रति लीटर है।
मध्य प्रदेश में पेट्रोल सबसे महंगा होने का प्रमुख कारण सरकार द्वारा लिया जा रहा टैक्स है। शिवराज सरकार देशभर में सबसे ज्यादा वैट वसूलती है। मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 38 प्रतिशत और डीजल पर 28 प्रतिशत वैट वसूला जाता है। देश में अभी पेट्रोल-डीज़ल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुकाबले तीन गुने हैं।
कच्चा तेल पहले रिफाइनरी में प्रोसेस होता है , वहां से पेट्रोल और डीजल निकलता है। फिर ऑयल कंपनियां अपना मुनाफा लेकर इसे पेट्रोल पंप में भेजती है। पेट्रोल पंप डीलर उसमें अपना कमीशन जोड़ते हैं। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारें उस पर टैक्स जोड़ती हैं। कुल मिलाकर डीलर, तेल कंपनियों का कमीशन और दोनों सरकारों का टैक्स जोड़ने पर बाजार में कीमत तय होती है, जिसे आम जनता चुकाती है।
कहा जाता है कि विदेशी मुद्रा की दरों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम के आधार पर रोज़ाना पेट्रोल, डीजल की कीमतें बदलती हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों का अनुभव यही है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम बेहद कम हो जाते हैं तो उसका फायदा आम लोगों को नहीं मिलता। उस वक्त सरकार टैक्स बढ़ाकर सारा मार्जिन अपने खजाने में डाल लेती है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दाम थोड़े भी बढ़ जाने पर उसे दाम बढ़ाने का बहाना बना लिया जाता है। जबकि टैक्स की वजह से दाम पहले ही काफी बढ़े हुए होते हैं।
यही वजह है कि भारत में पेट्रोल-डीज़ल के दाम पड़ोसी देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। सरकार के इस तौर-तरीके का विरोध खुद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी कर चुके हैं। स्वामी इसे सीधे-सीधे जनता के पैसों की लूट बताते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि राम के भारत में पेट्रोल 93 रुपये का मिलता है, जबकि सीता के नेपाल में इसका दाम 53 रुपये और रावण की लंका में सिर्फ़ 51 रुपये है।