- Meet your soulmate on our protected and easy-to-use platform
- मतदाताओं के बीच पहुंचेगी और हाथ जोड़कर उन्हें दिए गए आशीर्वाद के लिए धन्यवाद करेंगी
- संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथिपर कांग्रेसजनों ने किया उनका पुण्य स्मरण
- इंडिया गठबंधन की बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर हुई
- ममता बनर्जी बोलीं- BJP जेबकतरों की पार्टी, गरीबों का मुफ्त राशन बंद किया
कमलनाथ ने वृद्धावस्था, विधवा और समाजिक सुरक्षा पेंशन को 3 सौ से बढ़ाकर 6 सौ की थी, अब 6 सौ से 8 सौ और बाद में 8 सौ से 1 हजार रुपये करेंगे- कांग्रेस का वचन पत्र

कमलनाथ सरकार ने सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था सहित तमाम किस्म की पेंशन राशि में वृद्धि की थी। सरकार अगले वित्तीय वर्ष से 300 के बजाय 600 रुपए मासिक पेंशन देना प्रारंभ किया था। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग ने यह प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया था और नई नीति सुचारू रूप से चलने लगी थी।
पेंशनवृद्धि से सरकारी खजाने पर 1440 करोड़ रुपए सालाना अतिरिक्त भार पड़ा था। प्रदेश में 40 लाख पेंशनभोगियों को इस फैसले का लाभ मिला था। उप चुनाव की तैयारी कर रहे कमलनाथ ने एक और नया वादा पेश किया है जिसके अनुसार सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था समेत अन्य पेंशनों में बढोत्तरी करने का वादा किया हैं। कांग्रेस सरकार ने दिए गए वचन के अनुसार सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 300 रूपए से बढ़ाकर 600 रूपए की थी, अब उसे बढ़ाकर 800 रूपए प्रितमाह करेंगे, फिर 1000 रूपए तक बढ़ाएंगे।
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पेंशनभोगियों को पेंशन में वृद्धि की सौगात देने का वादा किया था। कांग्रेस की सरकार बनते ही सामाजिक न्याय विभाग ने पेंशन 300 से बढ़ाकर एक हजार रुपए मासिक करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन माली हालत खराब होने के कारण सरकार ने इसमें संशोधन किया था। अब सरकार शुरुआत में तीन सौ रुपए प्रतिमाह की वृद्धि की।
इसके बाद हर महीने पेंशन राशि सौ-सौ रुपए बढ़ाकर अगले चार माह में एक हजार रुपए महीना करेगी। उल्लेखनीय है कि पेंशनभोगियों को वर्तमान में 300 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही थी। जिसे पर हर महीने 120 करोड़ और सालाना 1440 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अब नए प्रस्ताव के बाद 2880 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।
पेंशनवृद्धि के सात प्रस्ताव
कांग्रेस ने वचन पत्र में एक हजार रुपए मासिक पेंशन देने का वादा किया है। इस हिसाब से विभाग ने एक हजार रुपए का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया था, लेकिन माली हालत को देखते हुए सरकार ने चार सौ, पांच सौ, छह सौ, आठ सौ रुपए प्रतिमाह बढ़ाने के प्रस्ताव भी मांगे थे। ये सभी प्रस्ताव विभाग शासन को भेज चुकी थी। जिनमें से छह सौ रुपए प्रति माह देने पर सहमति बनी थी। पर अब दोबारा इसमें बढ़ोत्तरी करेंगे। जिसका प्रस्ताव कमलनाथ मुख्यमंत्री रहते हुए किया था।
चार सौ रुपए प्रतिमाह होते खर्च
यदि एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने के प्रस्ताव बनाया जाए, तो सरकार को हर माह चार सौ और सालाना 4800 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे। तीन सौ रुपए पेंशन बढ़ाने से सरकार को हर माह 240 रुपए खर्च करने पड़ें थे।
ये पेंशन मिलती हैं
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, नि:शक्तजन पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन, मानसिक दिव्यांगों के लिए आर्थिक सहायता।