कमलनाथ “शुद्ध के लिए युद्ध” का अभियान दोबारा शुरु करेंगे, कांग्रेस का वचन पत्र

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही कमलनाथ सरकार ने “शुद्ध के लिए युद्ध” का अभियान चलाकर दूध, खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं एवं अन्य वस्तुओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाये थे। इससे माफियाओं में खौफ के साथ नागरिकों को सही दाम के बदले सही सामान मिलने लगा था। सरकार बदली, बीजेपी ने शिवराज सिंह के नेतत्व में प्रदेश सरकार का गठन किया और शिवराज सरकार ने इस आवश्यक के साथ उपयोगी योजना पर रोक लगा दी। अब प्रदेश में होने वाले उपचुनावों पर सबकी नजर है, जिसमें कांग्रेस ने वचन-पत्र जारी करते हुए कमलनाथ ने वचन दिया है कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो वे पुनः शुद्ध के लिए युद्ध का अभियान चलाएंगे।

 खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी एक ऐसा धीमा जहर है जो बीमारियों के साथ धीमे धीमे लोगों को मौत दे रहा था, लेकिन मध्य प्रदेश में मिलावट माफियाओं के बेखौफ साम्राज्य को तोडऩे के लिए कमलनाथ सरकार के सख्त एक्शन से लोगों को राहत दी थी। मिलावटखोरों पर रासुका लगाई जा रही थी, कमलनाथ सरकार में। प्रदेश में माफिया के खिलाफ एक के बाद एक बड़ी कार्यवाही के साथ ही शुद्ध के लिए युद्ध शुरू कर मिलावट माफिया पर कार्रवाई से हडक़म्प मच गया था।

सवाल यही है कि अचानक मध्य प्रदेश में ऐसे बदलाव के संकेत कैसे मिलने लगे थे। मध्य प्रदेश सरकार के ही उपक्रम सांची दूध में कितने लंबे समय से मिलावट हो रही थी और सरकार आंख बंद करे बैठी थी। अब जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सख्ती शुरू की थी, तो सांची दूध के टैंकरों में यूरिया और डिटर्जेंट जैसे घातक रसायनों की मिलावट का खुलासा हुआ था। खुलासों से ये साफ लग रहा है जैसे सरकार की साख कहे जाने वाले सांची उत्पादों पर माफिया हावी हो गया था, लेकिन कमलनाथ ने इस बार माफिया के खिलाफ जो अभियान शुरू किया था। उसमें किसी को बख्शे जाने का कॉलम ही नहीं रखा गया था। प्रशासन को पूरा फ्री हैंड देकर हर तरफ कार्रवाई करने छोड़ दिया गया था। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत मात्र 5 माह में 40 मिलावटखोरों के विरुद्ध रासुका और 100 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, जो लगातार जारी रहती, यदि कमलनाथ की सरकार राज्य में होती।

जुलाई से आरम्भ हुए इस अभियान में 10 हजार से अधिक नमूने जांच के लिये भेजे गए थे। विभिन्न लैब से 3 हजार 800 से अधिक जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई थी। करीब 1400 नमूने फैल पाए गए थे जिनमें 835 प्रकरण सम्बन्धित न्यायालयो में भेजे गए थे। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से करीब पांच करोड़ रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया गया है। इसके साथ ही 24 करोड़ रुपए मूल्य के दूषित मिलावटी सामान की जप्ती से किया गया था। अभियान के दौरान 25 लाख रुपए के दूषित एवं मिलावटी खाध पदार्थो को नष्ट कराया गया था।

इस अभियान को शुरू करने के पीछे सीएम कमलनाथ की सोच प्रदेश में ठोस तौर पर कुछ कर दिखाने की थी और है। इसको लेकर कमलनाथ को कफी दिनों से फीडबैक मिल रहा था। इसी पर उन्होंने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरु करने के निर्देश जारी किए थे। इस पर कमलनाथ कहते हैं, मध्य प्रदेश में कुछ माफिया मिलावटखोरी कर जहर बेच रहे हैं। यह जनता के लिए जानलेवा है। बच्चों के लिए खतरनाक है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के पीछे भी यही मिलावट दोषी है और इसे हम मध्यप्रदेश से खत्म करके ही दम लेंगे।

प्रदेश में दूध और दूध से बने सामान के 2500 से अधिक नमूने लिए गए, उनकी जांच कराई गई। जिनके नमूनों में मिलावट और अमानक पाए गए है उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में आम जनता से मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही थी। शिकायत के कुछ देर में ही खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी सैंपल ले रहे थे। अभी हाल में ही भोपाल में हुई राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में आये प्रतिभागियों के लिए मप्र पर्यटन के द्वारा नाश्ता और भोजन का प्रबंध किया गया था, उसकी भी खाद्य सुरक्षा अमले से प्रतिदिन जांच कराई गई थी। प्रदेश में बिकने वाले प्रत्येक खाद्य सामग्री की जांच के निर्देश विभाग को दिए गए है।

स्वास्थ मंत्री ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई को और प्रभावी बनाने के लिए 5 नई प्रयोगशालाये इंदौर, जबलपुर,सागर, उज्जैन और ग्वालियर में एक साल में शुरू करने का काम किया जाना था। इन प्रयोगशालाओं के शुरू हो जाने पर विभाग की जांच रिपोर्ट 3 दिनों में ही प्राप्त हो जाया करेंगी। अभी 2 चलित प्रयोगशाला संचालित हो रही है। राज्य सरकार ने 12 नवीन चलित खाद्य प्रयोगशाला शुरू करने का भी निर्णय लिया था।

तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा था कि प्रदेश के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि किसी भी स्थिति में मिलावट और दूषित सामग्री बेचने वाले निजी और शासकीय संस्थान ,व्यवसायियों में किसी को भी नही छोड़ा जाए। जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालो के विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाये। हर स्तर पर यह कार्रवाई करें।

भोपाल साँची दुग्ध संघ के दूध सप्लाई करने वाले टेंकरो में मिलावट करने पर टैंकर मालिक और ड्राइवर के विरुद्ध भी रासुका लगाई गई थी। भोपाल कमिश्नर ने साँची दूध संघ के गुणवत्ता प्रबन्धक और जीपीएस प्रबन्धक को भी तत्काल निलम्बित किया है।

ऐसे में इस योजना के पुनः पूरी तैयारी से शुरु होने पर समाज को निश्चित तौर पर लाभ होगा। और ऐसा शादय ही कोई व्यक्ति होगा, जो इस अभियान के महत्व को नहीं समझता हो या इस प्रकार की पहलों को प्रत्साहित न करता हो क्योंकि हर व्यक्ति शुद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहता है। इसलिए कहा जा सकता है कि यह वचन मतदाताओं को प्रभावी तौर पर अपने से जोड़ता है जिसका फायदा कांग्रेस को निश्चित तौर पर होने वाला है।

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