2023-24 के लिए GDP 6 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान, वित्त मंत्री ने बजट किया पेश

नई दिल्ली- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बजट सत्र 2023 की शुरुआत हो गई है। बजट सत्र के पहले दिन परंपरानुसार वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसमें अगले वित्‍तवर्ष के लिए 6 फीसदी से लेकर 6.8 फीसदी तक विकास दर अनुमान लगाया गया है। यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था सभी क्षेत्रों में व्यापक आधार पर सुधार कर रही है, जो आगे बढ़ने की स्थिति में है और यह FY23 में पूर्व-महामारी विकास पथ पहुंच गई है। सर्वे में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वे के अनुसार, PPP (पर्चेजिंग पावर पैरिटी) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक्सचेंज रेट के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए वित्‍तमंत्री ने कहा कि इस साल हमें बजट में लगाए गए अनुमान से भी कहीं ज्‍यादा टैक्‍स मिला है। NHAI InvIT ने विदेशी और भारतीय निवेशकों से 10 हजार 200 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। हमारा फोकस विनिवेश पर भी है, लेकिन इसमें बाहरी कारक भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। सड़क निर्माण पर सरकार ने चालू वित्‍तवर्ष में अपना खर्च दोगुना से भी अधिक कर दिया है। इस दौरान कुल 1.49 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। यह पिछले वित्‍तवर्ष से 109 फीसदी ज्‍यादा है।

वित्‍तमंत्री ने बताया कि एफडीआई नी‍तियों में बदलाव के बाद फार्मा सेक्‍टर को अब तक करीब 20 अरब डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश मिला है। सितंबर, 2022 तक देखें तो पिछले पांच साल में फार्मा सेक्‍टर में एफडीआई चार गुना बढ़ गया है। अगले वित्‍तवर्ष में जैसे ही महंगाई नीचे आएगी, विकास दर को और बढ़ाने में मदद मिलेगी। स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र पर सरकार का खर्च जीडीपी का 2.3 फीसदी पहुंच चुका है।