BJP की विकास यात्रा का विरोध करेंगे मध्य प्रदेश के निर्वाचित सरपंच, सीएम शिवराज को दी चेतावनी

भोपाल- चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक साथ कई मोर्चों पर विरोध झेल रही है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों, चयनित शिक्षकों और करणी सैनिकों के बाद अब प्रदेशभर के निर्वाचित सरपंचों ने भी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को राजधानी भोपाल में सैंकड़ों की संख्या में प्रदेशभर से निर्वाचित सरपंच एकत्रित हुए और उन्होंने सीएम शिवराज को चेतावनी देते हुए कहा कि हम अपने पंचायतों में भाजपा की विकास यात्रा को नहीं घुसने देंगे।

राष्ट्रीय सरपंच संघ के नेतृत्व में “ग्राम सरकार बचाओ अभियान” के तहत पंचायत पदाधिकारी भोपाल के गांधी भवन में एकत्रित हुए हैं। प्रदेशभर के सरपंचों ने सरकार को अगले 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। यदि इस दौरान उनकी 13 सूत्री मांगें पूरी नहीं हुई, तो वे कल से कलमबंद हड़ताल करेंगे। इस दौरान पंचायत कार्यालयों में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। सरपंच शिवराज सरकार कि विकास यात्रा का भी विरोध करेंगे। उन्होंने यात्रा को पंचायतों में घुसने नहीं देने की चेतावनी दी है।

जबलपुर से आए एक सरपंच ने बताया कि वह बीजेपी से जुड़े हुए हैं, बावजूद वे राज्य सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘गांधीजी ने “ग्राम स्वराज” का परिकल्पना भारत के प्रत्येक गांव को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया था। उनका मानना था कि अगर गाँव नष्ट हो गये तो हिंदुस्तान भी नष्ट हो जायेगा, क्योंकि हिंदुस्तान की असली पहचान भारत के गाँव ही हैं। इसलिए गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाँधी जी ने पंचायती राज व्यवस्था पर जोर दिया था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गांधी जी के सपने को साकार करते हुए पंचायती राज व्यवस्था लागू किया।’

उन्होंने आगे कहा, ‘मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिए थे। उन्होंने ग्राम पंचायतों को मजबूती दी। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही ग्राम पंचायतों के सारे अधिकार छीन लिए गए। शिवराज ग्राम स्वराज की परिकल्पना के खिलाफ है। यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम सभी निर्वाचित प्रतिनिधि एकजुट होकर शिवराज सरकार का विरोध करेंगे। पंचायतों को बचाने के लिए आगामी चुनाव में हम पार्टी लाइन से हटकर शिवराज सरकार का विरोध करेंगे।’

सरपंचों की प्रमुख मांगें

  1. NMMS को बंद किया जाए। इंटरनेट नहीं होने के कारण ऑनलाइन उपस्थिति में मजदूरों को दिक्कत आती है।
  2. मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाया जाए।
  3. मजदूरों को कार्य के मूल्यांकन की मात्रा के अनुसार भुगतान का अधिकार ग्राम पंचायत को मिले।
  4. मनरेगा योजना सामुदायिक कार्यों की सीमा ग्रामसभा को तय करने का अधिकार वापस दिया जाए।
  5. सामग्री भुगतान मजदूरों के साथ ही किया जाए। सामग्री का भुगतान FIFO आधार पर होना चाहिए।
  6. 181 शिकायत का निराकरण संबंधी अधिकार सरपंच, सचिव और शिकायतकर्ता की उपस्थिति में पंचायत भवन में निपटारा किया जाए।
  7. 7 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की थी उसको पूरा किया जाए।
  8. 1 लाख स्वविवेक निधि प्रतिवर्ष सरपंच को दी जाए। इस व्यय ग्राम सभा के अनुमोदन पर किया जाए।