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जम्मू-कश्मीर में पदस्थ सीआरपीएफ जवान धीरेंद्र त्रिपाठी सहीद

धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान की ओर से लगातार घाटी में तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। आतंकवादी लगातार सेना और जवानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आज भी आतंकियों ने पंपोर इलाके में सीआरपीएफ की आरओपी टीम पर हमला किया, जिसमें दो जवान शहीद हो गए। बता दें कि आरओपी टीम में 5 सीआरपीएफ जवान थे। शहीद हुए जवानों में सतना जिले के अमरपाटन के पडरी खैरा गांव निवासी धीरेंद्र त्रिपाठी शहीद हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार अमरपाटन के पडरी खैरा गांव निवासी सीआरपीएफ जवान धीरेंद्र त्रिपाठी की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में पदस्थ थे। सोमवार सुबह धीरेंद्र त्रिपाठी 5 अन्य साथी जवानों के साथ आरओपी के लिए निकले थे। इसी दौरान जम्मू कश्मीर के पंपोर के पास आतंकियों ने उनकी टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में धीरेंद्र त्रिपाठी सहित एक अन्य जवान शहीद हो गए। खबर यह भी है कि जवाबी कार्रवाई में 3 आतंकवादियों के जख्मी हुए हैं।
बता दें कि इससे पहले 27 सितंबर को भी पुलवामा जिले में आतंकियो और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। अवंतीपोरा के संबूरा इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान सुरक्षाबलों के पास 2-3 आतंकियों के छिपे होने का इनपुट था। इसके बाद आपरेशन में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
विंध्य के सतना जिले के एक जांबाज बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर अपनी जन्मभूमि को गौरवांवित किया है। पुलवामा सेक्टर में आतंकियों से मुकाबला करते हुए सतना जिले के अमरपाटन क्षेत्र के पैपखरा पंचायत के ग्राम पड़िया के सपूत धीरेंद्र त्रिपाठी श्रीनगर में शहीद हो गए हैं। धीरेंद्र के साथ एक अन्य जवान शैलेन्द्र कुमार निवासी रायबरेली उत्तर प्रदेश ने भी राष्ट्र रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है।
शहीद धीरेंद्र सीआरपीएफ के जवान थे 10 अक्टूबर 2010 को सीआरपीएफ में अपनी सेवा प्रारंभ की । कुछ ही दिन पहले वे छुट्टी पर अपने घर आए थे छुट्टी खत्म होने पर उन्होंने वापस 7 सितंबर 2020 को वापस जाकर पुलवामा पोस्टिंग में आमद दी थी। शहीद जवान के पिताजी रामकलेश त्रिपाठी भी सीआरपीएफ में सूबेदार उपनिरीक्षक के पद पर सेवा करते हुए वर्तमान में बालाघाट में पदस्थ हैं। शहीद धीरेंद्र की माँ श्रीमती उर्मिला त्रिपाठी गृहणी है। शहीद धीरेन्द्र प्रारंभ से ही यूनिफॉर्म/बेल्ट की नौकरी करने का शौक रखते थे। उनकी हॉबी बुलेट चलाना, ड्राइविंग करना, क्रिकेट खेलना तथा पर्यटन थी, धीरेंद्र व्यक्तिगत रूप से सौम्य शांत प्रवृत्ति एवं सहयोगी भाव रखने वाले तथा पूरे गांव और क्षेत्र के लोगों का चहेते थे। ग्रामीणों की माने तो धीरेन्द के दिल मे देश सेवा का जज्बा था जब भी छुट्टियों में आते तो गाँव के युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित करते थे, उनका फिजिकल टेस्ट करते थे ।
शहीद जवान धीरेन्द्र अपने माता पिता की इकलौती संतान थे उन्होंने देश की सेवा में उधर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए इधर उनकी पत्नी श्रीमती साधना और 3 वर्ष का पुत्र कान्हा उनके वापस छुट्टी में घर आने का इंतजार करते रह गए ।
शहीद अपने पैतृक गांव पड़िया में 20 फरवरी 1988 को पैदा हुए थे। प्राथमिक शिक्षा अनुराधा पब्लिक स्कूल झिन्ना बेला में प्राप्त करने पश्चात सीधी जिले के रामपुर नैकिन के चोरगढ़ी ग्राम के प्रज्ञा हायर सेकेंडरी प्राइवेट स्कूल से 12वीं की परीक्षा वर्ष 2006 _07 में उत्तीर्ण करने के पश्चात 10 अक्टूबर 2010 को सीआरपीएफ में चले गए।
धीरेंद्र के शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम पसरा हुया है। जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम तहसीलदार और थाना प्रभारी शहीद के परिजनों से मुलाकात की , और सांत्वना दी।