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बीजेपी उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह से जनता ने मांगी सफाई, उन्होंने पाला बदलकर जनता पर दोबारा चुनाव का खर्च क्यों थोपा
छतरपुर। छतरपुर की बड़ा मलहरा सीट के लिए होने जा रहे उप चुनाव में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले प्रद्युम्न सिंह लोधी के लिए इस बार लड़ाई आसान नहीं है। एक तो सत्ता के लिए बीजेपी का दामन थामने के कारण दल-बदलू का तमगा उनके साथ चिपक गया है और ऊपर से कांग्रेस ने साध्वी रामसिया भारती को टिकट देकर ऐसा दांव चला है, जिसकी काट तलाशना उनके लिए आसान नहीं है।
प्रद्युम्न सिंह लोधी की मुश्किलों का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि मोदी-शिवराज के नाम पर विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली बीजेपी के उम्मीदवार अब यहां विकास के नाम पर नहीं बल्कि कोरोना काल में मास्क बांटने के नाम पर वोट मांगते नज़र आ रहे हैं। उनका और उनके प्रचार में शामिल बीजेपी नेताओं का ज्यादा वक्त तो मतदाताओं को यह सफाई देने में ही खर्च हो जा रहा है कि जब उन्हें क्षेत्र की जनता ने पिछली बार विधायक चुनकर भेज ही दिया था, तो उन्होंने दल-बदल करके लोगों पर दोबारा चुनाव क्यों थोपा?
ऊपर से कांग्रेस ने साध्वी रामसिया भारती के रूप में एक ऐसा चुनावी समीकरण पेश कर दिया है, जिसकी काट करना बीजेपी के लिए आसान नहीं है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की पारंपरिक सीट बड़ा मलहरा में लोधी समुदाय का बड़ा वोटबैंक है। आसपास के इलाके में भी लोधी मतदाता काफी अहमियत रखते हैं। यही वजह है कि साध्वी उमा भारती का इस इलाके में दबदबा रहा है।
कांग्रेस उम्मीदवार रामसिया भारती भी लोधी समुदाय से हैं। साध्वी के व्यक्तित्व और लोधी कनेक्शन का वही समीकरण अब लोगों को रामसिया भारती में दिखाई दे रहा है, जिसे उमा भारती के उदय की एक वजह माना जाता है। कहा जा रहा है कि साध्वी रामसिया भारती के कांग्रेस उम्मीदवार बनने से इलाके में एक नए लोधी नेता का उदय हो रहा है। ऐसी चर्चाओं ने बीजेपी की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में क्षेत्र के मतदाताओं ने कांग्रेस को जिताया था। अब देखना ये है कि इस बार वे एक बार फिर से कांग्रेस उम्मीदवार को ही जिताते हैं या अपनी पार्टी का भरोसा तोड़कर दोबारा चुनाव मैदान में कूदने वाले प्रद्युम्न सिंह लोधी पर यकीन करते हैं।