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मप्र उपचुवान में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की सभाएं निरस्त
- भांडेर, दिमनी, ग्वालियर पूर्व और ग्वालियर विस में शुक्रवार को सभा किए बगैर ही उन्हें लौटना पड़ा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की शुक्रवार को अंचल में होने वाली चार चुनावी सभाएं चुनाव आयोग की अनुमति न मिल पाने के कारण निरस्त हो गईं। भांडेर, दिमनी, ग्वालियर पूर्व और ग्वालियर विस में शुक्रवार को सभा किए बगैर ही उन्हें लौटना पड़ा। इससे नाराज बघेल ने ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि भाजपा ने सभाएं नहीं होने दीं।
सीएम बघेल ने कहा कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार मंडी, एमएसपी और पीडीएस सिस्टम को खत्म कर देगी। इससे गरीबों को खाद्यान्न नहीं मिल पाएगा और किसानों को उनकी फसलों का मूल्य। नए कृषि कानून को लेकर उन्होंने कहा कि ये बिल किसान विरोधी है, हम छत्तीसगढ़ में कृषि कानून बिल को लेकर अध्यादेश लाएंगे। किसानों को परेशान नहीं होने देंगे। हमने कृषि बिल के खिलाफ विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल के पास पत्र भेजा था, लेकिन राज्यपाल ने लौटा दिया। हमारी सरकार तीन चौथाई बहुमत से है। इसलिए 27-28 अक्टूबर को सत्र बुलाया जा रहा है।
सिंधिया पर कसा तंज
बघेल ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक अदने से कार्यकर्ता ने उन्हें चुनाव में धूल चटा दी, उससे वे व्यथित थे। जब वे कांग्रेस में थे, मैं ग्वालियर आया था। जगह-जगह उनके और उनके पुत्र के होर्डिंग लगे थे। लेकिन आज पूरे शहर में घूमने पर उनका एक भी फोटो नजर नहीं आया। इससे भाजपा में उनके भविष्य का अंदाजा लगाया जा सकता है।
अंचल में सभाओं की अनुमति न मिलने से नाराज श्री बघेल ने कहा कि उन्हें चार सभाएं संबोधित करना थीं। लेकिन भाजपा ने सभाएं नहीं होने दीं। 28 सीटों पर उपचुनाव के नतीजों काे लेकर उन्होंने कहा कि 10 नवंबर को आने वाले परिणाम बता देंगे कि सरकार कांग्रेस की ही आएगी।