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शिवराज मंत्रीमंडल में शामिल चार सिंधिया समर्थक मंत्री किए जा सकते हैं बाहर!

-15 फीसदी से अधिक बनाए मंत्री, सुप्रीप कोर्ट ने जारी किया नोटिस, मची खलबली
भोपाल. 15 महीने की कांग्रेस सरकार को गिराकर ज्योतिरादित्य की मेहरबानी से सत्ता पर काबिज हुई भाजपा की शिवराज सरकार का मंत्रीमंडल खतरे में पड़ सकता है. सरकार में शामिल चार मंत्री हटाए जा सकते है. जिसका नुकसान सिंधिया को होगा. इन्हीं के गुट के मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ सकता है. क्योंकि सरकार में शामिल ये मंत्री फिलहाल विधायक नहीं हैं. मंत्रियों के इस्तीफा देने के पीछे की मुख्य वजह से कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीएम चौहान और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को जारी किया नोटिस है. 204 विधानसभा सीट वाली केबिनेट में फिलहाल 15 फीसदी यानि 30 मंत्री होना चाहिए लेकिन वर्तमान समय में नियम के विपरीत जाकर 34 लोगों को मंत्री बनाया गया है.
बतादें कि शिवराज केबिनेट में फिलहाल 34 मंत्री हैं. मंत्रियों की संख्या कुल विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत तक हो सकती है. विधानसभा में विधायकों की मौजूदा संख्या है 204 जिसका 15 प्रतिशत 30 होता है. यानि फिलहाल शिवराज अपनी केबिनेट में सिर्फ 30 मंत्री रख सकते हैं. जबकि 34 लोगों को मंत्री बनाया गया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद अब चार लोगों को इस्तीफा देना होगा. जिसकी गाज सिंधिया समर्थकों पर गिर सकती है. ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि सिंधिया समर्थक मंत्री फिलहाल चुनाव नहीं जीते हैं. ऐसे में उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है. वैसे भी बीजेपी नेताओं में भी सिंधिया समर्थकों के मंत्री बनाए जाने से खासी नाराजगी है. उन्हें पद से अलग कर शिवराज फिलहाल अपने ही पुराने साथियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेंगे. इसलिए घाटा ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही झेलना पड़ेगा.