6 राज्यों में कोरोना का सबसे ज्यादा असर, उनमें महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात शामिल

देश में कोरोना की स्थिति एक बार फिर बिगड़ती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में देश में कोरोना के 56,211 नए केस सामने आए हैं। जिन राज्यों में सबसे ज्यादा कहर देखने को मिला है उनमें महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात शामिल हैं। इन राज्यों में देश के कुल कोरोना केसों में से 78.56% केस सामने आए हैं। बीते 24 घंटों में 37,028 मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौटे हैं जबकि 271 जिंदगी की जंग हार गए हैं। इस तरह देश में अब तक कोरोना के कुल केस बढ़कर 1,20,95,855 हो गए हैं। स्वस्थ्य होने वाले मरीजों का आंकड़ा 1,13,93,021 है जबकि 5,40,720 मरीजों का इलाज देश के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। अब तक 1,62,114 लोग कोरोना महामारी के कारण जान गंवा चुके हैं। वहीं टीकाकरण अभियान भी जारी है। कुल 6,11,13,354 लोगों को टीका लग चुका है।

अप्रैल से पूरे महाराष्ट्र में लग सकता है लॉकडाउन, NCP ने किया विरोध

कोरोना के खिलाफ जंग में महाराष्ट्र एक बार फिर पिछड़ा नजर आ रहा है। तेजी से बढ़ते महामारी के नए मामलों के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर प्रदेशव्यापी लॉकडाउन के संकेत दिए हैं। उद्धव ठाकरे ने सभी जिलों के अधिकारियों को लॉकडाउन की प्लानिंग बनाने को कहा है। हालांकि उन्हें अपनी ही सरकार में इसका विरोध सहना पड़ रही है। एनसीपी के साथ ही भाजपा ने महाराष्ट्र में एक बार फिर लॉकडाउन लगाने का विरोध किया है और कहा है कि कोई दूसरा विकल्प सोचा जाना चाहिए। शरद पवार की पार्टी के नेता नवाब मलिक ने कहा कि लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है। लोग एक और लॉकडाउन झेलने की स्थिति में नहीं हैं। इस बीच, खबर है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 2 अप्रैल से पूरे महाराष्ट्र में लॉकडाउन का ऐलान कर सकते हैं।

नवाब मलिका ने कहा, हम लॉकडाउन बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमने CM से अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए कहा है। बढ़ते मामलों के कारण, उन्होंने प्रशासन को लॉकडाउन के लिए तैयार करने का निर्देश दिया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन ही एक मात्रा रास्ता है। अगर लोग नियमों का पालन करते हैं तो इससे बचा जा सकता है।

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