- राजा अगर झूठ बोले तो देश के लिए अच्छा नहीं और धोखा दे तो आने वाली नस्लों के लिए अच्छा नहीं - पवन खेड़ा
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा धर्म के नाम पर वोटमांगने की कांग्रेस ने की चुनाव आयोग को शिकायत
- 8 मई को रतलाम और मई को उज्जैन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करेंगे
- बड़वानी विधायक राजन मंडलोई के नेतृत्व में भाजपा के 20 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन थामा
- बीजेपी नेता बोले-पोलिंग पार्टी, पुलिस सपोर्ट करेगी
भिंड के युवा पॉकेटमनी से कर रहे बेजुबान पशुओं का इलाज, खोला एनिमल केयर सेंटर
भिंड- खबरों के लिए आज चाहे हम टीवी ऑन करें या अखबार का पन्ना खोलें या इंटरनेट पर जाएं तो हमें युद्ध, हिंसा, मारपीट, लूटपाट,चोरी, डकैती, बेईमानी, फ्रॉड, बलात्कार आदि की ही खबरें मिलती है. लेकिन आज हम इन सबसे हटकर इंसानियत की ऐसी खबर पर ले जा रहे हैं जिसमें इंसानों का बेजुबान जानवरों के प्रति प्रेम और सेवा भाव और पशु आश्रम की तारीफ मेनका गांधी भी कर चुकी हैं.
कैसे हुई थी संस्था की शुरुआत
हम बात कर रहे हैं, भिंड जिले के विख्यात पशु आश्रम की.इसे कुछ युवकों ने 10 साल पहले एक छोटे से कमरे में शुरू किया था. आज यह आश्रम स्थानीय लोगों और जिला प्रशासन की मदद से एक बड़ी जगह में बेसहारा बेजुबान जानवरों की सेवा कर रहा है. जानवरों के प्रति उनका लगाव और सेवाभाव को देखते हुए न सिर्फ शहरवासी उनसे प्रेरित हुए बल्कि भिंड के दो कलेक्टर्स भी प्रभावित हुए.इंसानियत युवा मंडल की छोटी सी पहल आज लोगों को इंसानियत के असली मायने सिखा रही है.
इंसानियत युवा मंडल से के सदस्य आज भिंड के बस स्टैंड के पास जानवरों के लिए एक छोटा से टेक केअर होम संचालित करते हैं.यहां देखभाल करने वाले कोई प्रोफेशनल लोग नहीं हैं.बल्कि शहर के ही युवा हैं. वो खुद आपस मे पॉकेटमनी इकट्ठा कर इस फैसिलिटी को संचालित कर रहे हैं.इसकी खास बात यह है कि ये एनिमल केअर सेंटर न सिर्फ सुविधाओं से लैस है बल्कि ऐसे जानवरों और पक्षियों के लिए बनाया गया है जो बेसहारा है और घायल या बीमार होते हैं.
बेजुबान जानवरों की मदद का जज्बा
इंसानियत युवा मंडल समिति के सदस्य अक्षय इंसानियत ने बताया कि इस समूह की नींव 2012 में रखी गई. उनके गुरुजी अनंत इंसानियत इस ग्रुप के वे पहले शख्स थे जिनके पशु प्रेम ने भिंड के 400 से ज्यादा युवाओं को प्रभावित किया था.इसके साथ ही 2015 में इस ग्रुप का रजिस्ट्रेशन इंसानियत युवा मंडल समिति के नाम से कराया गया.अक्षय बताते हैं कि आदमी की सुनने वाले मदद करने वाले तो बहुत हैं. लेकिन बेजुबानों की मदद को कोई आगे नहीं आता है.कई जानवर हैं जिन्हें मदद की ज़रूरत होती है.उनकी मदद की सोच के साथ ही इस समूह का जन्म हुआ.
अक्षय ने बताया कि शुरुआत में वे लोग शहर के हाउसिंग कॉलोनी स्थित निजी निवास पर जानवरों का इलाज करते थे.लेकिन धीरे धीरे जानवरों की संख्या बढ़ने लगी तो जगह कम पड़ गई, ऐसे में एक किराए की जगह पर केंद्र संचालित किया. कुछ समय पहले भिंड के कलेक्टर सतीश कुमार एस भी इस काम से प्रभावित हुए. उन्होंने संस्थान का दौरा किया. काम काज देखने के बाद उन्होंने वेटनरी विभाग से बस स्टैंड के पास इस काम को आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ी जगह उपलब्ध कराई. इंसानियत युवा मंडल समिति का एनिमल केयर होम संचालित होने लगा जिसे आज ये लोग आश्रम कहते हैं.
भिंड के कलेक्टर ने उपलब्ध कराई जगह
आश्रम में कई तरह के जानवर और पक्षी इलाज के लिए लाए जाते हैं.इनमें से ज्यादातर आवारा या छोड़े हुए बेसहारा होते हैं. इस फैसिलिटी में उनके इलाज और खाने की व्यवस्था होती है. जहां कलेक्टर ने वैटनरी विभाग से जमीन दिलाई, वहीं नगर पालिका ने इसके आधे हिस्से में शेड, किचिन, तार फेंसिंग और बाउंड्री वॉल बनवाकर दी. बाद में अतिरिक्त टीन शेड, इलाज में काम आने वाले उपकरण, टेबल्स, एनिमल बेड्स, व्हील वॉकर्स, पिजड़े,दबाइयां और एक एम्बुलेंस भी समिति के सदस्यों ने चंदे से खरीदी है.
इस के समूह के 400 सदस्यों में से करीब 80 सदस्य हर रोज सेवा के लिए इस आश्रम में समय दान देते हैं. जिनमे से कोई रिक्शा चलता है तो कोई शिक्षक है, लेकिन यह सभी अपनी शिफ्ट के अनुसार आते हैं और सेवा करते हैं.इन्ही में से समूह की एक सदस्य ने बताया कि वो पिछले 10 साल से इस समूह से जुड़ी हैं. उन्होंने जानवरों को ट्रीटमेंट देना सीखा है.उन्हें जानवरों से बेहद लगाव है इस वजह से वे यह सेवा कर रही हैं.
कैसे बन सकते हैं अच्छा इंसान
कुछ ऐसे ही विचार मोहित इंसानियत के भी हैं. वे शुरू से ही इस समूह का हिस्सा हैं वे कहते हैं कि छात्र और जॉब में होने के बावजूद इस सेवा कार्य के लिए समय निकालते हैं.उनका मानना है कि अगर जीवन में कछ अच्छा करना है तो आपको अपने रूटीन में थोड़ा बदलाव तो लाना पड़ेगा.यह बदलाव आपको एक अच्छा इंसान बनने में मददगार साबित होगा.मोहित कहते हैं कि वे 16 साल से इस समूह से जुड़े हैं और जानवरों के प्रति लगाव लगातार बढ़ता गया है.
आश्रम में ग्वालियर से अपने पालतू कुत्ते को इलाज के लिए आए भानु प्रताप कुशवाह ने भी इस पहल की तारीफ की. उन्होंने बताया कि उनके डॉग के दोनों पैर खराब हो गए, उन्हें पता चला कि भिंड में इस तरह का केयर सेंटर है तो वे अपने डॉग को यहाँ लाए हैं.इस आश्रम को देखने के बाद वे बेहद प्रभावित नजर आए.
राष्ट्रीय स्तर पर हुई तारीफ
इस पहल कि तारीफ लोकसभा सांसद और पशुप्रेमी मेनका गांधी भी कर चुकी हैं. उन्होंने समूह के सदस्यों से दिल्ली में मुलाकात की थी और जब उन्हें पता चला कि भिंड कलेक्टर ने इस कार्य के लिए जगह दी है तो तुरंत कलेक्टर को फोन कर उनके निर्णय की सराहना भी की थी.