कमलनाथ की किसान कर्ज माफी योजना के लिए शिवराज सरकार ने रखे सिर्फ 3000 ₹, सदन में हंगामा

कांग्रेस पर किसान कर्ज माफी के नाम पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाली बीजेपी सरकार ने विधानसभा में कबूला था कि 27 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है. लेकिन अब सरकार इसे जारी रखने के मूड में नहीं है.

भोपाल.कमलनाथ सरकार में शुरू हुई किसान कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर विधानसभा में आज जमकर हंगामा हुआ.प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हर्ष गहलोत के किसान कर्ज माफी को लेकर पूछे गए सवाल पर ये हंगामा बरपा.विपक्ष ने सरकार से पूछा कि किसान कर्ज माफी योजना पर अमल की क्या स्थिति है,सरकार तस्वीर साफ करे.वो ये योजना जारी रखेगी या नहीं. एक चुनी हुई सरकार के समय किसान कर्ज माफी का लिया गया फैसला क्या दूसरी सरकार बंद या स्थगित करने का कदम उठा सकती है.

इस मामले में कृषि मंत्री कमल पटेल के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा कर दिया.इस वजह से सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ी.दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा.सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई. कृषि मंत्री कमल पटेल के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

सरकार पर गुमराह करने का आरोप
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा सरकार ने राज्य के बजट में किसान कर्ज माफी के लिए ₹3000 की राशि का प्रावधान किया है. सरकार को बताना चाहिए कि किसानों का कर्जा माफ होगा या नहीं. सरकार इस मामले पर गुमराह करने की कोशिश कर रही है.कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने कहा सरकार किसान कर्ज माफी पर विधानसभा में जवाब देने से बच रही है. विधायकों के सवाल के जवाब में कहा जा रहा है कि जानकारी एकत्रित की जा रही है. जबकि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि किसान कर्ज माफी होगी या नहीं.

सरकार की दो टूक
किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा किसान कर्ज माफी का फैसला कांग्रेस सरकार का था.बीजेपी सरकार का नहीं. किसान कर्ज माफी के नाम पर कांग्रेस सरकार ने सहकारी संस्थाओं को बर्बाद कर दिया.किसान कर्ज माफी के लिए बजट में मात्र ₹3000 की राशि के प्रावधान पर सहकारिता मंत्री ने कहा कांग्रेस के पाप धोने में समय लगेगा.

विधानसभा में कबूलनामा
कांग्रेस पर किसान कर्ज माफी के नाम पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाली बीजेपी सरकार ने सत्ता पलटने के विधानसभा में कबूला था कि 27 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है. लेकिन अब सरकार इसे जारी रखने के मूड में नहीं है. यही कारण है कि विधानसभा में पूछे जा रहे किसान कर्ज माफी के मुद्दे से जुड़े सवालों पर कृषि मंत्री स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं. इसलिए किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं.

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