- शिकायतकर्ता बोली-कमरे से आती थीं चीखने की आवाजें
- दीपक जोशी बोले-भोपाल के बीजेपी कैंडिडेट नंबर-1 के डरपोक
- एएसआई को कुचला, शहडोल में अवैध रेत से भरी ट्रॉली को रोकने की कोशिश की तो ड्राइवर ने रौंदा
- जीतू पटवारी श्योपुर में बोले:सिकरवार सांसद बने तो चीते वापस जाएंगे, आदिवासी यहीं रहेंगे
- पानी के लिए खाली बाल्टी लेकर महिलाओं का प्रदर्शन
पहाड़ी राज्यों में मौसम का कहर जारी, कई जगह जाम
पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बारिश (Heavy Rain) और बादल फटने (Cloud Burst) की घटनाओं के कारण ज़बरदस्त तबाही हो रही है. सबसे ज्यादा प्रभावित हिमाचल प्रदेश औऱ उत्तराखंड के इलाके हैं, जहां पर कई जगह पर लैंडस्लाइड (Landslide) हुआ है. इसकी वजह से जगह-जगह लंबा जाम लगा है और यहां पर आए टूरिस्ट फंस गए हैं
बता दें कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सोमवार से ही आसमान से तबाही बरस रही है. बादल फटने से आए फ्लैश फ्लड को करीब 72 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन बर्बादी और तबाही की कहानियां अभी भी सामने आ रही हैं. धर्मशाला (Dharmshala) के पास बोह गांव में मलबे की चपेट में कुछ घर आ गए थे, यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
यहां से अब तक छह शव निकाले जा चुके हैं. धर्मशाला के पास गज्ज खड्ड में पानी किसी बड़ी नदी की तरह बह रहा है, पानी में उफान ऐसा कि जो सामने आए बह जाए. यहां धर्मशाला के गग्गल एयरपोर्ट के पास से गुजरने वाला मंडी-पठानकोट हाईवे (Mandi-Pathankot Highway) की तस्वीर भी कुछ ऐसी ही है. यहां मेन हाईवे के अलावा अन्य करीब 184 से अधिक लिंक रोड भी लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गई हैं.
फ्लैश फ्लड से गज्ज खड्ड में आए उफान ने हाईवे पर भारी तबाही मचाई है. हाईवे का बड़ा हिस्सा कट चुका है, सड़कों पर पानी है. लोग बेबसी में बर्बादी का मंजर देख रहे हैं. सड़क कटने और फ्लैश फ्लड का मलबा आने से हाईवे पर लंबा जाम लगा हुआ है.
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा (Kangra) जिले में भारी बारिश के बाद आए सैलाब के कारण फंसे पांच ग्रामीणों को बचा लिया गया है. एक सुदूरवर्ती गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए भीषण भूस्खलन से कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और एक व्यक्ति की मौत हो गई, नौ लोग अब भी लापता हैं. आपको बता दें कि यहां के मौसम ब्यूरो ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना जताई है, इसके बाद बारिश की तीव्रता कम हो सकती है