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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह वोट के बदले कोरोना की वैक्सीन मुफ्त दिलाने का चुनावी वादा करके घिर गए

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वोट के बदले कोरोना की वैक्सीन मुफ्त दिलाने का चुनावी वादा करके घिर गए हैं। कांग्रेस ने इसे महामारी के नाम पर राजनीति करने की बेशर्म हरकत बताते हुए हमला बोल दिया है। दरअसल बीजेपी ने ऐसा ही चुनावी वादा बिहार विधानसभा चुनाव में जारी अपने घोषणा पत्र में भी किया है, जिस पर वहां भी बीजेपी की कड़ी आलोचना हो रही है। शिवराज चौहान को लगा होगा कि कोरोना महामारी से परेशान जनता के वोट पाने के लिए मुफ्त वैक्सीन का वादा कारगर साबित हो सकता है। लेकिन बिहार की तरह ही मध्य प्रदेश में भी विपक्ष इस वादे को बेशर्मी की मिसाल बताकर बीजेपी को घेरने में लगा है।
कांग्रेस ने शिवराज पर कोरोना के नाम पर राजनीति करने और फर्जी घोषणाएं करने के आरोप लगाए हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर शिवराज चौहान के इस एलान की तीखी आलोचना करते लिखा, “उस बेशर्म सियासत पर लानत है, जो कोरोना वैक्सीन के नाम पर वोट माँग रही है। शिवराज जी, पहले नैतिकता मरी थी, अब मानवता भी मर गई है।”
दरसअल मध्य प्रदेश में ये विवाद शिवराज सिंह चौहान के ग्वालियर की जनसभा में गुरुवार को दिए भाषण से शुरू हुआ। बीजेपी प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल के समर्थन में आयोजित सभा के दौरान शिवराज ने पहले तो कहा कि प्रदेश के गरीबों को कोरोना का टीका मुफ्त लगवाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि जब वैक्सीन बन के तैयार हो जाएगी तो सबसे पहले राज्य के गरीबों को उपलब्ध कराई जाएगी। कोरोना से सबसे पहले गरीब को बचाना है। बाकी के लिए भी इंतजाम का प्रयास करेंगे, लेकिन गरीब सबसे पहले है। इसके कुछ देर बाद उन्होंने ट्वीट किया कि मध्य प्रदेश सभी नागरिकों को ये टीका मुफ्त में दिया जाएगा। जिसके बाद बिहार की तरह ही मध्य प्रदेश में भी यह सवाल उठने लगा कि कोरोना का टीका जब भी बने, उसे हर नागरिक को मुहैया कराना तो किसी भी सरकार की बुनियादी जिम्मेदारी है। क्या अब ऐसी बातों को भी चुनाव में वोट हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।