beemaar pita ko palang sahit nikaala to sadame mein chalee gaee jaan

बीमार पिता को पलंग सहित निकाला तो सदमे में चली गई जान

लोन की किस्तें बकाया होने पर किया था बेघर

मंदसौर – मंदसौर जिले के गांव भील्याखेड़ी में लोन की किस्तें जमा नहीं होने पर पूजारी को बेघर करने के मामले में अब एक और नया मोड़ आ गया है। पूजारी के जिस बीमार पिता को पलंग सहित घर से बाहर निकाला था, उनकी सदमे में मौत हो गई है।
मामले के अनुसार मेंटोर फायनेंस कंपनी जयपुर के कर्मचारियों ने लोन की किस्तें बकाया होने पर 1 फरवरी को नाहरगढ़ के ग्राम भील्याखेड़ी गांव में राममंदिर के पुजारी गोविंददास बैरागी के घर का सामान बाहर निकाल दिया था। इस दौरान पुजारी के 100 वर्षीय पिता रूपदास को पलंग सहित उठाकर बाहर पटक दिया था। तभी से पुजारी खेत पर झोपड़ी बनाकर कच्चे मकान में रह रहा था। वहीं पूजारी के पिता रूपदास इस घटना से सदमे में थे। रविवार को उनकी मृत्यु हो गई।
100 वर्षीय बुजुर्ग की मौत के बाद किसान नेता श्यामलाल जोकचंद ने आरोप लगाया कि एक ओर भाजपा विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाल रही है। वहीं दूसरी एर प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के क्षेत्र में निजी फायनेंस कंपनी के कर्मचारियों की प्रताड़ना से राम मंदिर के पुजारी के पिता की सदमे में जान चली गई है। शासन-प्रशासन के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है। मानवता के नाते ही डिप्टी सीएम देवड़ा अपनी विधानसभा के पूजारी की मदद के लिए आगे नहीं आए। ये निष्ठुर शासन-प्रशासन अंग्रेजों की हुकूमत याद दिला रहा है। पुजारी को परिवार सहित घर से बेदखल कर घर का ताला लगाकर अपमानित करने वाले बैंक व पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए। पुजारी को पुनः उसका घर दिया जाकर न्याय दिया जाए।