फर्जी बिल घोटाला – गिरफ्तार आरोपियों ने माना भ्रष्टाचार किया, इसमें निगम अफसरों की भी मिलीभगत

नाम सामने आया तो खंडवा भाग गए थे

इंदौर – इंदौर नगर निगम में हुए 107 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में रविवार देर रात दो ठेकेदार भाइयों मो. जाकिर और मो. साजिद ने एमजी रोड थाने में सरेंडर कर दिया। हालांकि पुलिस का दावा है कि दोनों को आईटी पार्क से गिरफ्तार किया है। दोनों पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित था।
पुलिस की पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि उनके खातों में घोटाले का पैसा आता था। दोनों ने निगम अफसरों की अहम भूमिका व मिलीभगत होने की भी बात स्वीकारी। पूछताछ में दोनों ने यह भी बताया कि मामला सामने आने के बाद वे खंडवा भाग गए थे। दोनों भाइयों ने अपनी फर्म के नाम पर फर्जी बिल लगाने की बात भी स्वीकारी है।
डीसीपी पंकज पांडेय का कहना है कि पुलिस ने इन्हें आईटी पार्क से गिरफ्तार किया है। दिन में ही इनके घर से बैंक पासबुक, गाड़ियां, फाइलें व अन्य दस्तावेज जब्त किए थे। इनके संभावित ठिकानों पर भी पुलिस ने दबिश दी थी। आरोपी राहुल वडेरा के नवनीत दर्शन ऑफिस में भी पुलिस टीम पहुंची और वहां से भी फाइलें और दस्तावेज जब्त किए। इससे पहले फरार आरोपियों के घर एमजी रोड पुलिस ने रविवार तड़के दबिश दी। पुलिस ने अप-टाउन निपानिया में रहने वाले आरोपी राहुल और रेणु वढेरा के दो मंजिला आलीशान बंगले में तलाशी ली। इसके बाद मदीना नगर स्थित आरोपी मोहम्मद सिद्दीकी और मो. साजिद के घर की तलाशी ली। दोनों जगह सर्चिंग के दौरान निगम अधिकारी भी पुलिस के साथ थे। दिनभर में टीम ने करीब 3 स्थानों पर छापे मारे। कुछ संभावित ठिकानों की भी सर्चिंग की। सभी के यहां से कुछ फाइलें, दस्तावेज, सीपीयू और अप-टाउन जब्त की गईं।
डीसीपी पंकज पांडेय ने बताया कि फर्जी बिल घोटाले में आरोपी राहुल और उसकी पत्नी रेणु वढेरा के घर से 3 बैंकों की पासबुक और दोनों के पासपोर्ट मिले।। दो लग्जरी कारें भी जब्त की गईं। इनके घर से निगम की कुछ फाइलें व घोटाले से जुड़े दस्तावेज मिले। मदीना नगर में भी आरोपी मो. सिद्दीकी और साजिद के घर से भी कुछ दस्तावेज, फाइलें व बैंक पासबुक जब्त की गईं। इन सभी की तलाश में टीमें लगी हैं। फरार आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित है। पुलिस इनके रिश्तेदारों व परिचितों से लगातार पूछताछ कर रही है।

बैंकों को भी पत्र लिखा

इधर, फरार आरोपी राहुल वढेरा, रेणु सहित तीन अन्य आरोपियों के घरों से मिली बैंक पासबुकों के आधार पर पुलिस ने अलग-अलग बैंकों को पत्र लिखा है। इनके खातों में 5 साल पुराने ट्रांजेक्शन की हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है। पुलिस को आशंका है कि घोटाले की राशि और बढ़ सकती है। निगम के आॅडिट विभाग से लेकर टेंडर, लेखा शाखा सहित पूरे कार्य की एसओपी निकालकर घोटाले की तह तक जाकर पड़ताल की जा रही है।

फर्में हुईं ब्लैक लिस्टेड

पुलिस कार्रवाई के साथ निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने घोटाले में लिप्त पांचों फर्म नींव कंस्ट्रक्शन (मो. साजिद), ग्रीन कंस्ट्रक्शन (मो. सिद्दीकी), किंग कंस्ट्रक्शन (मो. जाकिर), क्षितिज इंटरप्राइजेस (रेणु वढेरा) और जाह्नवी इंटरप्राइजेस (राहुल वढेरा) की फर्मों को ब्लैक लिस्टेड घोषित कर भुगतान पर रोक लगा दी है।