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वन विभाग का कमाल
जहां 79 हजार पौधे होने थे, वहां घास, पौधों के गड्ढे भी नहीं मिले इंदौर – चोरल में फील्ड फायरिंग के लिए जंगल का अधिग्रहण होने पर कंपेल में क्षतिपूर्ति के रूप में तैयार किए गए कागजी जंगल की जांच करने गुरुवार को राज्य स्तरीय जांच दल निरीक्षण करने पहुंचा। 79 हजार पौधे कंपेल में लगाकर नया जंगल तैयार करना था, लेकिन यहां पर घास का मैदान लहलहाता हुआ टीम को दिखा। पौधे भी बहुत कम संख्या में दिखे। नियम यह है कि क्षतिपूर्ति के रूप में जिस जगह को जंगल बनाया जाना होता है उसे डीएफओ या मुख्य वन संरक्षक स्तर के अफसर गोद लेते हैं। वन अफसर के प्रोजेक्ट का ऐसा हाल तत्कालीन सीसीएफ एचएस मोहंता ने कंपेल के कक्ष क्रमांक 227 में 79 हजार पौधे लगाने के प्रोजेक्ट को गोद लिया था। उनका प्रमोशन हो गया और वह एपीसीसीएफ बन गए। उन्होंने इस जगह का निरीक्षण किया तो यहां जंगल के बजाए घास का मैदान दिखा। इस पर उन्होंने इंदौर सीसीएफ एन सनोडिया को पत्र लिखा। वहीं उज्जैन वृत्त को जांच का जिम्मा सौंपा। 2 करोड़ 34 लाख से पौधे लगाए जाना थे। इस गड़बड़ी की लोकायुक्त में भी शिकायत की गई है। गड्ढ़ों के बीच दूरी भी ठीक नहीं रखी- जांच अधिकारी एसएल डांडे के मुताबिक जहां वृक्षारोपण बताया वहां पर कई स्थानों पर वृक्ष नहीं पाए गए। साथ ही गड्ढों में जो दूरियां रखी जानी थी वह भी नहीं थी।