मंत्री भूपेंद्र सिंह द्वारा अर्जित अनुपातहीन संपत्ति की उच्च स्तरीय जांच कराये सरकार: जे.पी. धनोपिया

जांच अवधि के दौरान मंत्री भूपेंद्र सिंह से इस्तीफा लिया जाये: पुनीत टंडन

भोपाल – मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं समस्त प्रकोष्ठों के प्रभारी जे.पी. धनोपिया और मप्र कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेष अध्यक्ष पुनीत टण्डन ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में मध्यप्रदेष शासन के मंत्री भूपेंद्र सिंह द्वारा अपने पूर्व मंत्रित्व काल में अर्जित अनुपातहीन संपत्ति की उच्च स्तरीयजॉंच करवाये जाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री से मंत्री भूपेंद्र सिंह के संपूर्ण कार्यकाल की उच्चस्तरीय जॉंच कमेटी गठित कर जॉंच कराने की मांग की है। जांच अवधि के दौरान मंत्री भूपेन्द्र सिंह से इस्तीफा भी लिया जावे।
नेताद्वय ने कहा कि भूपेंद्र सिंह एवं उनके परिवार द्वारा वर्ष 2008 से वर्ष 2018 के मध्य अकूत संपत्ति एकत्रित की गई है तथा वर्ष 2018 के उपरांत भी मंत्री भूपेन्द्र सिंह, उनके परिवार व उनके निकट रिश्तेदारों द्वारा करोड़ों रूपये की आय से अधिक संपत्ति एकत्रित की गई है जो कि भूपेन्द्र सिंह द्वारा विधानसभा चुनाव वर्ष 2008, लोक सभा चुनाव वर्ष 2009, विधानसभा चुनाव वर्ष 2013 एवं विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 के दौरान उनके द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत शपथ पत्रों से स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होता है। वर्ष 2013 एवं 2020 में प्रकाशित ए.डी.आर. रिपोर्टो को भी आधार बनाते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा मध्यप्रदेष में पिछले लगभग 19 वर्षो के शासन के दौरान अपने मंत्रियों के माध्यम से प्रदेश की जनता के साथ छल कर भारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है तथा शासकीय योजनाओं में घोटाले करते हुए भाजपा के मंत्रियों ने अनुपातहीन संपत्तियां अर्जित की हैं।
कांग्रेस नेताओं का आरोप:-
(1) भूपेन्द्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह के नाम अचल संपत्तियों में वर्ष 2008 में रूपये 01 करोड़ मूल्य का दीपाली होटल, सागर में, वर्ष 2009 में रूपये 01 करोड़ मूल्य का दीपाली होटल सागर, वर्ष 2013 में उक्त दीपाली होटल में 50 प्रतिशत भागीदारी एवं वर्ष 2018 में रूपये 33.27 करोड़ की संपत्ति दर्शायी गयी है, जिससे यह स्पष्ट है कि सरोज सिंह पत्नी भूपेन्द्र सिंह की अचल संपत्ति में वर्ष 2008-09 से वर्ष 2018 के मध्य लगभग 33 गुना की वृद्धि प्रस्तुत शपथ पत्रों में दर्शित हो रही है जो कि प्रथम दृष्ट्या आय से अधिक व अनुपातहीन संपत्ति दर्शित होती है। जबकि प्रस्तुत शपथ पत्रों से यह दर्शित है कि सरोज सिंह का होटल दीपाली एवं वर्ष 2013 के उपरांत प्रारंभ दीपाली ऑटोमोबाईल नामक प्रतिष्ठान के अतिरिक्त अन्य कोई आय का साधन नहीं हैं, यदि भौतिक रूप से सागर स्थित दीपाली होटल एवं उसके साथ संलग्न मैरिज हॉल, एक्सटेंशन होटल, प्ले जोन आदि का मूल्यांकन विषेषज्ञों के माध्यम से किया जाए तो उक्त संपूर्ण संपत्ति लगभग 200 करोड़ से अधिक राशि की है जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरोज सिंह एवं उनके भागीदार भूपेन्द्र सिंह द्वारा अर्जित अनुपात हीन धन को उक्त दीपाली होटल एवं साथ ही संलग्न संपत्तियों के निर्माण में खर्च कर शासन से करोड़ों रूपये के आयकर का अपवंचन किया गया है तथा मनी लांड्रिंग भी की गई है।
(2) यह कि भूपेन्द्र सिंह द्वारा अपने नामांकन के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र वर्ष 2018 के अनुसार उनकी पत्नी सरोज सिंह को विभिन्न दान-पत्रों एवं रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों के माध्यम से दिनांक 13.06.2014, दिनांक 07.03.2015 एवं दिनंाक 23.12.2016 को लगभग 1.06 हे.भूमि /वणिज्यिक भूमि तथा 60632 वर्गफुट पर निर्मित भवन एवं कार्यालय की संपत्ति प्राप्ति हुई है। जबकि वर्ष 2008, वर्ष 2009 एवं वर्ष 2013 के शपथ पत्र में सिर्फ होटल दीपाली में 50 प्रतिशत भागीदारी दर्शित है, उक्त से यह स्पष्ट है कि वर्ष 2013 से वर्ष 2018 के मध्य सरोज सिंह की संपत्ति में कई गुना अनुपातहीन वृद्धि हुई है तथा यदि सरोज सिंह के नाम दान में प्राप्त आवास सह कार्यालय का भौतिक मूल्यांकन किया जावे तो उक्त सागर स्थित संपत्ति का वर्तमान मूल्य लगभग 15 से 20 करोड़ के आसपास है।
(3) यह कि चुनाव आयोग के समक्ष समय-समय पर प्रस्तुत शपथ पत्रों के प्रथम दृष्ट्या अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि भूपेन्द्र सिंह की अचल संपत्तियों में वर्ष 2008 में रूपये 1.10 करोड़, वर्ष 2009 में रूपये 1.40 करोड़, वर्ष 2013 में रूपये 3.57 करोड़ एवं वर्ष 2018 में रूपये 7.67 करोड़ दर्शित है। जिससे स्पष्ट है कि लोकसेवक के पद पर रहते हुए भूपेन्द्र सिंह की अचल संपत्ति में कई गुना की वृद्धि हुई है जो कि असामान्य वृद्धि है। इसी प्रकार भूपेन्द्र सिंह की चल संपत्ति वर्ष 2013 में रूपये 1.30 करोड़ एवं वर्ष 2018 में रूपये 2.86 करोड़ दर्शित है जो कि पांच वर्ष के दौरान लगभग दो गुना से अधिक की वृद्धि होकर गंभीर प्रश्न उत्पन्न करता है।
(4) यह कि चुनाव आयोग के समक्ष समय-समय पर प्रस्तुत शपथ पत्रों के प्रथम दृष्ट्या अवलेाकन से यह स्पष्ट है कि वर्ष 2008 एवं वर्ष 2009 में मंत्री भूपेन्द्र सिंह के पास ग्राम बामोरा जिला सागर में 10 एकड़ कृषि भूमि मूल्य रूपये 50 लाख थी जो कि वर्ष 2013 में मात्र 1.37 एकड़ मूल्य रूपये 19.25 लाख दर्शाया गया एवं वर्ष 2013 से वर्ष 2018 के मध्य भूपेन्द्र सिंह को आष्चर्यजनक रूप से विरासत में 5.71 हे. एवं 0.22 हे. अनुमानित मूल्य रूपये 1.29 करोड प्राप्त हो गई जो कि सूक्ष्मता से जॉंच किए जाने योग्य है।
(5) वर्ष 2018 के नामांकन शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि भूपेन्द्र सिंह की आश्रित पुत्रियों को क्रमशः 3.22 एवं 3.22 हेक्टेयर भूमि दिनांकित 24.07.2018 एवं 30.07.2018 को प्राप्त हुई है जिनका भुगतान सरोज सिंह पत्नी भूपेन्द्र सिंह द्वारा किया जाना दर्शाया गया है जिससे यह स्पष्ट है कि सरोज सिंह द्वारा वर्ष 2013 से 2018 के मध्य अपनी पुत्रियों के नाम अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की गई है जो कि संज्ञान में लिए जाने योग्य है।
(6) यह कि वर्ष 2018 के नामांकन शपथ पत्र के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि वर्ष 2013 से 2018 के मध्य भूपेन्द्र सिंह का हित कई ग्रामों की कृषि /वाणिज्यिक भूमियों में उत्पन्न हो गया तथा वर्ष 2018 में भूपेन्द्र सिंह एवं उनकी पत्नी तथा आश्रितों के नाम ग्राम परसोरिया, ग्राम रगोली, ग्राम जिन्दा, ग्राम चिटाई, ग्राम गम्भीरिया तथा ग्राम बामोरा की कई एकड़ कृषि एवं वाणिज्यिक भूमि दर्शित हो रही है जो कि जांच के योग्य है।
(7) यह कि वर्ष 2018 के नामांकन शपथ पत्र के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि भूपेन्द्र सिंह की नवीन संपत्ति के रूप में वर्ष 2013 से वर्ष 2018 के मध्य मून मैरिज हॉल तथा उनकी पत्नी सरोज सिंह के पास दीपाली पैलेस हेाटल एवं दीपाली ऑटो मोबाईल नामक संस्थान का इजाफा हुआ है तथा आश्चर्यजनक रूप से वर्ष 2013 से 2018 के मध्य भूपेन्द्र सिंह द्वारा 3.22 करोड़ व सरोज सिंह द्वारा 25.70 करोड़ रूपये की संपत्ति अर्जित करना गंभीर जांच का विषय है।
(8) यह कि चुनाव आयोग के समक्ष समय-समय पर प्रस्तुत शपथ पत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि भूपेन्द्र सिंह द्वारा वर्ष 2013 से वर्ष 2018 के मध्य अपने निर्वाचन क्षेत्र खुरई में एक बंगले का क्रय किया गया है जिसका कि दर्शित मूल्य वास्तविक मूल्य से काफी कम 1.09 करोड़ है। इसी प्रकार भूपेन्द्र सिंह द्वारा आश्चर्यजनक रूप से वर्ष 2009 से वर्ष 2018 के मध्य 7 दुधारू पशुओं मूल्य लगभग 1 लाख रूपये से 228 पशुओं मूल्य लगभग 1 करोड़ रूपये की वृद्धि की गई है जो कि जांच का विषय है।
(9) यह कि भूपेन्द्र सिंह द्वारा प्रस्तुत नामांकन शपथ पत्रों के अवलेाकन से यह दर्शित होता है कि वर्ष 2008-09 में भूपेन्द्र सिंह द्वारा रूपये 1,03,400/- की वार्षिक आय घोषित की गई थी वहीं वर्ष 2012-13 में भूपेन्द्र सिंह द्वारा रूपये 5,60,667/- की वार्षिक आय एवं उनकी पत्नी श्रीमती सरोज सिंह द्वारा रूपये 7,05,744/- की वार्षिक आय दर्शायी गई थी। वहीं वर्ष 2017-18 में आश्चर्यजनक रूप से भूपेन्द्र सिंह द्वारा स्वयं के इंकम टैक्स रिटर्न में रूपये 97,63,942/- की वार्षिक आय, नवनिर्मित एच.यू.एफ. के आयकर विवरणी में रूपये 26,64,368/- की वार्षिक आय दर्शित की गई है तथा श्रीमती सरोज सिंह द्वारा रूपये 4,52,09,439/- की वार्षिक आय दर्शित की गई है। वर्ष 2008-09 से वर्ष 2017-18 के मध्य भूपेन्द्र सिंह की वार्षिक आय लगभग 1 लाख से 1 करोड़ रूपये के ऊपर पहुंचना तथा उनकी पत्नी श्रीमती सरोज सिंह की वार्षिक आय लगभग 4.5 करोड़ हो जाना भी गहन जांच का विषय है।
(10) यह कि भूपेन्द्र सिंह द्वारा प्रस्तुत नामांकन शपथ पत्रों के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि भूपेन्द्र सिंह एवं उनके परिवार के द्वारा अनुपातहीन रूप से वाहनों को क्रय किया गया है एवं बैंक खातों में जमा राशि में भी अत्याधिक वृद्धि दर्शित है जो कि गहन जांच का विषय है।

कांग्रेस नेताओं द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि जुलाई 2020 में पुनः मंत्री बनने के उपरांत से भी मंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा करोड़ों रूपये मूल्य की अनुपातहीन संपत्ति एकत्रित की गई है जिसमें भूपेन्द्र सिंह के नाम ग्राम बामोरा जिला सागर में खसरा क्रमांक 122/10, 129/4, 129/13, 139/3/2, 139/3/3, 161/4, 162/3, 162/4, 163/1, 166/3/2 एवं 167/2 की भूमि तथा ग्राम मालथोन जिला सागर में खसरा क्रमांक 180/2 एवं 180/3 अर्जित की गई है। तथा भूपेन्द्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह के नाम ग्राम बामोरा जिला सागर में खसरा क्रमांक 129/6/1, 132/1/1, 141/1/1, 141/2/1, 141/5 की भूमियां अर्जित की गई हैं । इसी प्रकार ग्राम चिटाई जिला सागर में मंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा वर्ष 2022-23 में खसरा क्रमांक 32/2 रकबा 2.02 हे. एवं उनकी पत्नी श्रीमती सरोज सिंह द्वारा खसरा क्रमांक 4/2 रकबा 13 हेक्टेयर अर्थात 32.11 एकड़ करोड़ों रूपये मूल्य की भूमि आष्चर्यजनक रूप से क्रय की गई है जो कि गंभीरता से जॉंच किये जाने योग्य है।
कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का ध्यान सागर जिले में चल रहे दान के कारोबार पर भी आकर्षित करते हुए आरोप लगाया कि श्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा अपने नाबालिग बेटे अभिराज सिंह के नाम पर वर्ष 2019-20 में ग्राम जिन्दा जिला सागर के खसरा क्रमांक 136, 137 एवं 153/6 की कई एकड़ भूमि दान पर ली है जो कि प्रथम दृष्ट्या अनुपातहीन एवं बेनामी संव्यवहार को दर्शाती है।
आयोजित पत्रकारवार्ता में कांग्रेस नेताओं ने दिनांक 02.07.2020 एवं वर्ष 2013 में जारी ए.डी.आर. रिपोर्ट पर भी ध्यान आकर्षित कराया, कांग्रेस नेताओं द्वारा आरोप लगाया गया कि मंत्री भूपेन्द्र सिंह को उक्त रिपोर्ट में कुल लगभग 46 करोड़ की चल एवं अचल संपत्ति का मालिक बताते हुए मध्यप्रदेश के अधिकतम संपत्ति वाले मंत्री के रूप में दर्शाया गया है जबकि वर्ष 2013 में उक्त मंत्री का नाम प्रदेष के दूसरे नंबर के ऋणी मंत्री के रूप में दर्शाया गया था एवं उनकी कुल चल अचल संपत्ति को लगभग 7 करोड़ रूपये दर्शाया गया था। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस बात पर कभी भी विचार नहीं किया कि 5 साल में प्रदेश के मंत्री की संपत्ति आष्चर्यजनक रूप से लगभग 7 गुना कैसे हो गई जबकि प्रदेश में पिछले 15 साल में प्रति व्यक्ति ऋण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी प्रकार मंत्री भूपेन्द्र सिंह तथा उनके परिजन वर्ष 2013 से वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा वार्षिक आय (5 करोड़ 76 लाख रूपये) घोषित करने वाले मंत्री कैसे बने यह भी गहन जॉंच का विषय है।
आयोजित पत्रकारवार्ता में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का जो नेता वर्ष 2008 के पूर्व अपने गृह जिले से अपना होटल और घर बेचकर पलायन करने की स्थिति में था, किंतु वर्ष 2018 तक ये मंत्री प्रदेश के बड़े धनकुबेरों में कैसे शामिल हो गये, कौन सा ऐसा व्यापार किया, जिससे उनकी आय कई गुना बढ़ गई। मंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा प्रदेश की जनता को गरीबी में धकेलकर अपनी संपत्ति को अवैध एवं अनुपातहीन रूप से बढ़ाया गया है। निश्चित रूप से उक्त मंत्री द्वारा किये गये बड़े भ्रष्टाचार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।