भाजपा में शुरू हुई अंतर्कलह समाप्त होने का नाम नहीं ले रही

अब कटनी के पूर्व विधायकों ने दिखाए बगावती तेवर

भोपाल- भाजपा में शुरू हुई अंतर्कलह समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी में एक के बाद एक असंतोष के सुर बुलंद हो रहे हैं। सागर के बाद अब कटनी के पूर्व विधायकों ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। यहां चार पूर्व विधायकों ने कांग्रेस से आए नेताओं का खुलकर विरोध जताया है। पूर्व विधायक अलका जैन ने कहा कि बीजेपी को अब सीनियर नेताओं की जरूरत नहीं दिख रही है। हम सबको दूध में से मक्खी के जैसे बाहर फेंक दिया है। वहीं, पूर्व विधायक सुर्कीति जैन ने कहा कि कटनी के चारों पूर्व विधायकों का बयान एक ही लाइन पर है कि हमारी उपेक्षा हो रही है। हमारे पास विकल्प है कि यदि कांग्रेस से ऑफर आता है तो विचार करेंगे और यदि नहीं आता है तो बीजेपी को बीजेपी के भरोसे छोड़ देंगे। इससे पहले पूर्व विधायक हरेंद्रजीत सिंह बब्बू और सत्यनारायण सत्तन बगावती तेवर दिखा चुके हैं। साफ है कि बीजेपी में नाराज नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री सरकार पर सीधा हमला कर चुके हैं।

अलका जैन बोलीं- जो अवसर मिलेगा, उसका लाभ लेंगे

मुड़वारा (कटनी) सीट से 2003 से 2008 तक विधायक रहीं अलका जैन ने कहा कि वैसे तो मैं पार्टी के प्रत्येक कार्यक्रमों में आज भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेती हूं, लेकिन पार्टी से जिस सम्मान की उम्मीद है वह हमें नहीं मिलता। मैं 14 साल से फ्री हूं, लेकिन पार्टी में कोई पद नहीं है। जब संगठन को हमारी चिंता नहीं है तो हमें जो अवसर मिलेगा, उसका हम लाभ लेंगे। जब व्यक्ति अंदर से पीड़ित है तो चुनाव में इसका असर होना स्वाभाविक है, भले ही हम विरोध न करें, लेकिन कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों को लगता है कि इन्हें मक्खी के समान निकालकर बाहर कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों से मैं भारतीय जनता पार्टी के लिए समर्पित रूप से कार्य कर रही हूं और आज भी पूरे समर्पण के साथ में पार्टी के साथ खड़ी हूं। यह बात अलग है कि बीजेपी अब नए चेहरों को मौका देना चाहती है, लेकिन पार्टी द्वारा जो सम्मान वरिष्ठों को दिया जाना चाहिए, वह नहीं मिल रहा और यही बात मन को खटकती है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी अपने मूल सिद्धांतों को भूल चुकी है।

कांग्रेस से ऑफर मिलेगा तो विचार करेंगे : सुर्कीति जैन

कटनी जिले की इसी सीट से 1993 से 1998 तक विधायक रहे सुर्कीति जैन ने कहा कि जब से कांग्रेस के लोग बीजेपी में आए हैं, तब से दो धड़े हो गए हैं। कांग्रेस से आए लोगों के भविष्य और मूल विचारधारा वाले भाजपाइयों के अस्तित्व का सवाल है। उन्होंने कहा हम (चारों पूर्व विधायक) सब एक ही कश्ती में सवार हैं। बीजेपी की नीति है कि पुराने को हटाओ और नए लोगों को लाओ। वैसे भी प्रदेश में कांग्रेस की लहर चल रही है। अब बीजेपी इसे कितना रोक पाएगी, यह भविष्य की बात है।

बीजेपी ने कार्यकर्ता और विचार को छोड़ दिया : पोद्दार

मुडवारा से ही पूर्व विधायक (2008 से 2013) रहे गिरिराज किशोर पोद्दार ने कहा कि पार्टी में क्रियात्मक दोष है, यह मैं 10 साल से कह रहा हूं। एक पूर्व विधायक नाराज हो तो माना जा सकता है कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। एक जिले के चारों पूर्व विधायक नाराज हैं तो इससे साफ है कि पार्टी की 40 साल की कमाई असंतुष्ट है। पार्टी ने कार्यकर्ता और विचार को छोड़ दिया है। इस समय पार्टी में नकारात्मक माहौल दिखाई दे रहा है। अब संगठन में कोई संवाद नहीं होता। यदि बात करने जाओ उन्हें लगता है कि हम पद मांगने आए हैं।

जमीनी नेताओं को तरजीह नहीं मिल रही : ध्रुव प्रताप सिंह

कटनी जिले के पूर्व जिला अध्यक्ष व विजयराघवगढ़ सीट से 2003 में विधायक रहे ध्रुव प्रताप सिंह ने बगावती तेवर दिखाते हुए सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वे पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। वे ये कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि आखिर किसके इशारे पर इन दिनों कटनी बीजेपी काम कर रही है? उन्होंने आरोप लगाया है कि कटनी में बीजेपी से जुड़े सभी जमीनी नेताओं को तरजीह नहीं दी जा रही। ये वो कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने बीजेपी को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए अपना खून पसीना एक किया है। अब हाल ये है कि स्थानीय सांसद व प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष (वीडी शर्मा) यदि कहीं मिल जाएं तो वे शायद हमें पहचान भी न पाएं।

ध्रुव प्रताप सिंह ने कहा कि 2018 के बाद मुझे ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी ने हमको किनारे कर दिया है। हाल ही में हुए नगर निगम और पंचायत चुनाव में कोई जिम्मेदारी नहीं मिली। इससे ऐसा लगता है कि पार्टी हमको छोड़ के चल दी है। कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह ने आगे कहा कि अभी हम आउटडेटेट नहीं हुए हैं। पार्टी के प्रति समर्पित एक कार्यकर्ता को इस तरह दरकिनार किया जाना ना तो न्यायसंगत है और ना ही किसी पार्टी के हित में है। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में हैं, वहां कोई पूछ नहीं रहा है तो स्वाभाविक रूप से हमको जाना पड़ेगा। अभी हमारी राजनीति खत्म नहीं हुई है, ना कोई इतनी उम्र हो गई है कि कोई हमें घर में बैठा दे।

सागर सांसद बोले- बाहर से आए लोग बिगाड़ रहे माहौल

सागर में कद्दावर मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ स्थानीय विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर संगठन के बड़े नेताओं के साथ बैठक हुई, लेकिन यह असंतोष थमता नहीं दिख रहा है। तीन दिन पहले सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे ने मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ फेसबुक पोस्‍ट किया था। इसके बाद सागर सांसद राजबहादुर सिंह ने भी इशारों-इशारों में सिंधिया समर्थकों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बाहर से पार्टी में आए लोगों के कारण स्थिति बिगड़ रही है। इन लोगों ने बीजेपी के कैडर को समझा नहीं। जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा। संगठन सब समझ रहा है।

सांसद केपी यादव का वीडियो भी वायरल

गुना से बीजेपी सासंद केपी यादव का एक वीडियो हाल ही में भोपाल प्रदेश कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया था। वीडियो में केपी यादव ये कहते सुने जा सकते हैं कि भीड़ में कुछ लोग खुद को बुद्धिजीवी कहते हैं, लेकिन वो इतने मूर्ख हैं कि उन्हें ये नहीं पता कि हम बीजेपी में हैं। केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है, यहां से बीजेपी के सांसद हैं। वो भरे मंच से चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि 2019 में हमसे गलती हुई थी। जिस पार्टी में आप हैं उसी के बारे में आप कहते हैं कि आपसे गलती हुई है। ये समझ से परे है। मुझे लगता है कि जहां वो थे उन्हें वहीं रहना था, अगर वो जनप्रिय हैं तो वो वहीं रहकर मुझसे फिर से चुनाव लड़ते और जीतते। स्पष्ट है कि सांसद यादव का निशाना ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ था।