- इंदौर में जो हुआ वह राजनीतिक माफिया के कार्य का स्वरूप है : जीतू पटवारी
- कांग्रेस नेता केपी कंषाना से मारपीट
- पीसीसी चीफ पटवारी ने भाजपा को बताया अत्याचारी, कहा- मैं अपने काम से जवाब दूंगा
- पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बोले- यह मेरे जीवन का आखिरी चुनाव, युवाओं को देंगे मौका
- महिला कांगेस ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई की मांग
हिमाचल प्रदेश में 68 में से जीती 40 सीटें, हिमाचल में सीएम को लेकर होगा फैसला
नई दिल्ली- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास हुआ है। इसमें सीएम को लेकर आलाकमान को फैसला लेने का अधिकार दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में शानदार जीत के बाद कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री चुनने की चुनौती है, क्योंकि इसके लिए कई दावेदार सामने आ रहे हैं। इसी को लेकर शुक्रवार को प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई थी।
कांग्रेस के पास कई उम्मीदवार हैं। रेस में सबसे आगे कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश प्रमुख प्रतिभा सिंह हैं, जो दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। प्रतिभा सिंह मंडी से लोकसभा सांसद हैं और एक पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन प्रभावी ढंग से कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व किया। वह कांग्रेस विधायकों के समर्थन का दावा करती हैं, जो उनके पति वीरभद्र सिंह के प्रति वफादार थे, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में तीन दशकों से अधिक समय तक पार्टी का नेतृत्व किया।
इनके अलावा तीन अन्य दावेदार हैं। पूर्व राज्य प्रमुख सुखविंदर सिंह सुखू, निवर्तमान विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री और हर्षवर्धन चौहान। मुकेश अग्निहोत्री का मानना है कि राज्य विधानसभा में पार्टी की स्थिति को मजबूती से सामने रखने के लिए वह शीर्ष पद के हकदार हैं।
इसमें और भी नाम हैं। राज्य कांग्रेस के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह राठौर का दावा है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में गहरी विभाजित पार्टी को एक साथ लाया। दरअसल, इस बार कांग्रेस के कई नेताओं ने इस उम्मीद में पूरी दमखम से चुनाव लड़ा था कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाएगा।