‘कांग्रेस में सिंधिया जैसा एक भी दलबदलू नेता नहीं’ : सज्जन सिंह वर्मा

भोपाल- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस से नाराजगी कमलनाथ सरकार को काफी भारी पड़ी. विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस आड़े हाथों ले रही है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verna) ने पहले सिंधिया को सीएम पद का दावेदार बताया था, अब उन्होंने ही फिर निशाना साधा है.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) हों, कमलनाथ हों या फिर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, कांग्रेस की पहली पंक्ति के इन नेताओं के निशाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा ज्योतिरादित्य सिंधिया रहते हैं. अब कांग्रेस के ही पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी केंद्रीय उड्डयन मंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अभियान के दौरान कई जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला किया.

‘कांग्रेस में सिंधिया जैसा एक भी दलबदलू नेता नहीं’
सज्जन सिंह वर्मा ने भोपाल में कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की दोगुली प्रवृत्ति की वजह से मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर गई. इसके बाद उन्होंने सोनकच्छ में कहा कि एमपी में शिवराज सिंह चौहान के अलावा सीएम पद के और भी कई दावेदार हैं. इनमें प्रमुख रूप से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं. इसके बाद पूर्व मंत्री ने फिर दमोह में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस में सिंधिया जैसा दलबदलू नेता एक भी नहीं बचा है, इस बार कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने वाला है.

‘कांग्रेस की राजनीति केवल बयानबाजी तक सीमित’
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने सज्जन सिंह वर्मा पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति केवल बयानबाजी तक सीमित है. कांग्रेस केवल बयान दे सकती है, लेकिन आपसी फूट खत्म नहीं कर सकती. कांग्रेस में जितने नेता हैं, उतनी विचारधारा हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसलिए छोड़ी थी कांग्रेस?
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाने का कांग्रेस नेताओं को अधिकार तक नहीं है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को विकास और वादे पूरे करने का पूरा वक्त दिया, लेकिन जनता के साथ हो रहे धोखे के कारण उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी.