हिमाचल के दिग्गज नेता राम स्वरूप शर्मा ने दिल्ली में की आत्महत्या

सांसद का शव दिल्ली स्थित उनके आवास में फंदे से लटका हुआ मिला, कर्मचारी ने दी पुलिस को जानकारी

नई दिल्ली। बीजेपी सांसद राम स्वरूप शर्मा ने आत्महत्या कर ली है। राम स्वरूप शर्मा का शव उनके दिल्ली स्थित आवास में फंदे से लटका हुआ मिला है। हालांकि बीजेपी सांसद के पास से किसी तरह का सुसाइड नोट बरमाद नहीं हुआ है। इसलिए शर्मा ने यह कदम क्यों उठाया इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। 

बुधवार सुबह करीबन 8.30 बजे दिल्ली पुलिस को सूचना मिली की बीजेपी सांसद का शव आरएमएल अस्पताल के पास गोमती अपार्टमेंट में मिला है। शर्मा यहीं रहा करते थे। दिल्ली पुलिस के अधिकारी सूचना मिलने पर पहुंचे तब शर्मा फंदे से लटके हुए मिले। 

राम स्वरूप शर्मा हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे। हिमाचल प्रदेश के मण्डी लोकसभा सीट से वो सांसद थे। शर्मा 16वीं और 17वीं लोक सभा के लगातार दो बार सांसद बने। शर्मा आरएसएस के सक्रिय नेता थे और मंडी इलाके में बीजेपी को मजबूत करने में उनका बड़ा योगदान रहा। उनकी उम्र 62 वर्ष थी। शर्मा की मौत के बाद बीजेपी ने आज होने वाली अपनी संसदीय दल की बैठक रद्द कर दी है।

राम स्वरूप RSS से भी जुड़े रहे
राम स्वरुप शर्मा का जन्म 10 जून 1958 को हुआ था। वे हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की जोगिंदर नगर संसदीय लोकसभा सीट से सांसद थे। वे मंडी जिला BJP और बाद में हिमाचल प्रदेश राज्य भाजपा के आयोजन सचिव रहे थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया था। वे RSS के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने 2014 में मंडी लोकसभा सीट जीती, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की प्रतिभा सिंह के खिलाफ 39,796 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।

बीमारी की वजह से डिप्रेशन में थे
रामस्वरूप शर्मा को हार्ट प्रॉब्लम थी। उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी। हार्ट में चार स्टेंट डाले गए थे। बताया जा रहा है कि वे अपनी इस बीमारी की वजह से कुछ दिनों से डिप्रेशन में थे। रामस्वरूप खुद को मोदी का सुदामा बताते थे, उन्‍होंने मंडी का नाम छोटी काशी के रूप में उभारा। वे 1985 तक नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कार्पोरेशन (NHPC) में नौकरी की थी और कबड्डी के खिलाड़ी भी रहे। चंबा में इसी दौरान RSS से जुड़ गए और प्रचारक बन गए। उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्‍हें भाजपा का टिकट मिला।

रामस्‍वरूप शर्मा 2019 में मंडी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद बने थे। 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर के बीच उन्‍होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्‍नी प्रतिभा सिंह को हराया था।

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