जान जोखिम में डालकर रास्ता पार कर रहे है लोग, सिंगरौली की हालत जर्जर

भोपाल- प्रदेश की उर्जाधानी के नाम से विख्यात सिंगरौली (Singrauli) जिले में आज भी इलाके के लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नही है. आज भी जिले में कई ऐसे स्थान हैं जहां लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर रास्ता पार करना पड़ता है. इस दौरान जरा भी नजर चूक जाये तो यह जोखिम भरे रास्ते किसी की भी जान ले सकते हैं. इस तरह के हालात जिले के लंघाडोल गांव में बने हुये हैं.

जर्जर पुलिया से कर रहे सफर
इस गांव में 2011 में 5 लाख की लागत से ग्राम पंचायत ने पुलिया का निर्माण कराया था लेकिन 2 साल के बाद यह पुलिया जर्जर हो गई. तब से लेकर आज तक ग्रामीण कई बार जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक इस पुलिया के निर्माण की गुहार लगा चुके हैं लेकिन किसी ने ग्रामीणों की गुहार नहीं सुनी. गांव के लोग इस खतरनाक जर्जर पुलिया से सफर करने को मजबूर हैं.

पुलिया का एक पाया क्षतिग्रस्त हो गया है और मिट्टी व एक पाये के सहारे यह पुलिया टिकी हुई है. इस पर बुजुर्ग युवा, महिलाएं और स्कूली बच्चें जोखिम भरा सफर तय करते हैं. ग्रामीणों के कई बार शिकायत के बाद भी आज तक पुलिया का निर्माण नहीं हो सका है. क्षेत्र के सांसद, विधायक ने कभी इन गांवों की तरफ देखना भी उचित नहीं समझा. 10 वर्षो से लगातार ग्रामीण इस पुलिया के बनने का इंजतार कर रहे हैं.

क्या कहते हैं गांव के लोग
स्थानीय निवासी कुदुस खान बताते हैं कि, इस मार्ग से कई गांव के ग्रामीण जुड़े हैं जिन्हें प्रतिदिन इस जर्जर पुलिया में सफर करना पड़ता है, जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है लेकिन सुध लेने वाले जिम्मेदार मौन हैं. गांव के वर्तमान सरपंच बबन प्रजापति बताते हैं कि इस जर्जर पुलिया के निर्माण में 15 लाख से ऊपर का खर्च आयेगा, इतना हम लोगों के पास बजट नहीं है कि इस पुलिया का निर्माण करा सकें.