क़र्ज़ में डूब रहा मध्यप्रदेश, शिवराज सरकार प्रोपेगेंडा-इवेंट में व्यस्त

भोपाल- प्रदेश की शिवराज सरकार एक बार फिर दो हजार करोड़ रुपये के कर्ज लेने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि यह कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से दस साल के लिए लिया जाएगा। वहीं कर्ज में डूबी शिवराज सरकार की नीतियों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सवाल खड़े किए हैं।

कमलनाथ ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार प्रदेश को कर्ज के दलदल में डुबाती जा रही है। प्रदेश पर वर्ष 2021-22 में 2.95 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है और अब प्रदेश सरकार हर महीने औसतन 5000 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है।

कमलनाथ ने बताया कि भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश पर चढ़ाए कर्जे के ब्याज को चुकाने के लिए 2021-22 में 20 हजार करोड़ लगे और इस वर्ष 2022-23 में 22 हजार करोड़ से अधिक की रकम की आवश्यकता है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है, जहां राज्य सरकार का कुल कर्ज राज्य सरकार के कुल वार्षिक बजट से अधिक हो गया है।

कमलनाथ ने प्रदेश के खजाने की कमजोर हालत के बावजूद शिवराज सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार नाटक नौटंकी, प्रोपेगेंडा और इवेंट में रोज लगी रहती है और पार्टी के कार्यक्रम में पैसा पानी की तरह बहा रही हैं। यह मध्य प्रदेश की जनता से सरासर धोखा है।

औद्योगिक निवेश भी घटा

इधर निवेश के मोर्चे पर भी मध्यप्रदेश के लिए एक बुरी खबर आई है। प्रदेश में 3 सालों में औद्योगिक निवेश करीब दो हजार करोड़ घट गया है। उद्योग, संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में साल 2019 में जनवरी से जुलाई तक करीब 6322 करोड़ का औद्योगिक निवेश हुआ था जबकि इसी अवधि में इस साल केवल 4285 करोड़ का औद्योगिक निवेश मध्यप्रदेश में हुआ है।