कमलनाथ ने उठाई आवाज़, 50% ओबीसी के लिए महज 14% आरक्षण न्याय नहीं

भोपाल. मध्यप्रदेश में पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण का विवाद अभी थमा नहीं है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहां राज्य सरकार और भाजपा खुशी मना रही है वहीं कांग्रेस ने इसे ओबीसी के प्रति अन्याय बताते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी 50 फीसदी है। SC का ताजा आदेश उनके साथ न्याय नहीं कर रहा है.

कमलनाथ का कहना है कि SC ने आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक ही रखने की बात कही है। राज्य की 50 प्रतिशत आबादी को महज 14 फ़ीसदी आरक्षण मिल रहा है जोकि न्याय नहीं है। उन्होंने कहा कि आरक्षण का मतलब न्याय होता है लेकिन SC का आदेश ओबीसी के साथ न्याय नहीं करता है। कमलनाथ ने कहा SC के इस आदेश के खिलाफ अब उनकी पार्टी कोर्ट जाएगी. जब तक मध्यप्रदेश की OBC आबादी को न्याय नहीं मिलेगा तब तक कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के अनुसार अब दिल्ली में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी कोर्ट से ही न्याय की गुहार लगाएगी। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण के फैसले के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। कमलनाथ के मुताबिक कोर्ट के आज के आदेश के बाद भी एमपी की 50 फीसदी पिछड़ा वर्ग की आबादी को 14 प्रतिशत आरक्षण ही मिल पाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने एमपी में पंचायत चुनाव आरक्षण के साथ कराने का आदेश तो दिया है लेकिन आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा भी नहीं हो सकता है.

उन्होंने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव के लिए भाजपा को तैयारी करनी थी। दिल्ली दौरे पर पहुंचे कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। कमलनाथ ने बताया कि सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान संगठन, पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसलों पर अमल करने के बारे में भी विचार विमर्श किया गया.

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