कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए बनाए 3 नए फॉर्मूले, हिमाचल के प्रदर्शन ने फूंकी जान

भोपाल- मध्य प्रदेश (MP) में विधानसभा चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू हो गईं हैं. एमपी में 7 दिसंबर 2023 को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. राज्य में जहां एक तरफ बीजेपी (BJP) पूरे जोर-शोर के साथ कार्यक्रमों और योजनाओं का ऐलान कर रही है और सीएम शिवराज सिंह चौहान दिन-रात मेहनत कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस अभी से उम्मीदवारों पर विचार कर रही है. प्रदेश में मिली हुई सत्ता जाने के बाद इस बार कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाए. पार्टी ने उम्मीदवारों को टिकट देने के लिए भी फॉर्मूला बना दिया है.

हिमाचल के प्रदर्शन ने फूंकी जान
इस बार कांग्रेस पार्टी में जिस उम्मीदवार की जीतने की क्षमता ज्यादा होगी, उसे टिकट देने में प्राथमिकता दी जाएगी. हाल ही में हुए निकाय चुनाव में जिनका प्रदर्शन अच्छा रहा है, उनका ध्यान रखा जाएगा और तीसरी सबसे अहम बात पार्टी के सर्वे में नाम होना है. आपको बता दें कि गुजरात में खराब प्रदर्शन के बाद भी हिमाचल की जीत से कांग्रेस उत्साहित है. यही वजह है कि पार्टी एमपी में भी सत्ता में आने की पूरी उम्मीद लगा रही है. इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है और पार्टी एक साल पहले से ही तैयारियों में जुटी हुई है.

ज्यादातर सिटिंग एमएलए को टिकट
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 96 विधायक हैं, जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी के पास 126 विधायक हैं. 4 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दो बसपा और एक सपा का विधायक है. खबर है कि कांग्रेस इस बार एमपी में करीब 80 वर्तमान विधायकों को टिकट दे सकती है, जबकि 20 विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं. जिन सीटों पर पार्टी बहुत कम अंतर से हारी थी, वहां उम्मीदवार नहीं बदले जाएंगे. वहीं गुजरात में रिकॉर्ड बहुमत के बाद बीजेपी भी एमपी में चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. अब देखना है कि कांग्रेस, बीजेपी को कितनी कड़ी टक्कर दे पाती है.