- Stay away from these 19 dating warning flag in 2023
- ????ChinaLoveCupid Evaluation 2023 - whatever you have to find out about any of it! ????
- कांग्रेस की जन आक्रोश यात्राओं को मिल रहा है भारी जन समर्थन, वहीं भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पूरी तरह हो रही है फ्लाफ - कांग्रेस
- पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का इंदौर में बेरोजगार महापंचायत में संबोधन
- आंकड़ों की बाजीगरी से लाड़ली बहनाओं को 450 रू. के गैस सिलेण्डर देने में छल कर रही है शिवराज सरकार !
केंद्र के दिल्ली सरकार की डोरस्टेप राशन डिलीवरी योजना रोके जाने को लेकर AAP ने कहा, गरीबों को भूखा मारेगी मोदी सरकार

केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इस योजना को शुरू न करें, केजरीवाल सरकार टेंडर भी जारी कर चुकी है और 25 मार्च से इसे लॉन्च करना था
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में शासन की शक्तियों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में टकराव बढ़ता जा रहा है। खबर है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की योजना ‘राशन की डोरस्टेप डिलीवरी’ पर रोक लगा दी है। दिल्ली सरकार आगामी 25 मार्च से मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना की शुरुआत करने वाली थी। केंद्र के इस फैसले को आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार की गिरी हुई हरकत करार दिया है।
आम आदमी ने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार गरीबों को भूखा मारने पर उतारू है। आप ने ट्वीट किया, ‘गरीब विरोधी, प्रधानमंत्री मोदी! दिल्ली में गरीबों को भूखे मरने पर उतरी मोदी सरकार।’ इसके साथ ही आप ने एक पोस्टर भी जारी किया है जिसमें लिखा गया है कि, ‘मोदी सरकार गिरी हुई हरकतों से नहीं आई बाज। ना काम करूंगा ना करने दूंगा।’
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी की राशन माफियाओं के साथ मिलीभगत है। पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक करार देते हुए कहा है कि यह एक क्रांतिकारी कदम है। आप ने कहा है कि हम जब अपने पैसे से अपने खर्चे पर गरीबों को कुछ देना चाहते हैं तो केंद्र सरकार ऐसी जनविरोधी फरमान क्यों जारी कर रही है।
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इस योजना को शुरू न करें, जबकि केजरीवाल सरकार इस योजना के लिए टेंडर भी जारी कर चुकी थी और 25 मार्च से इसे लॉन्च किया जाना था। केंद्र ने तर्क दिया है कि वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्यों को राशन प्रदान करती है, इसलिए राज्य सरकार इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकती है।