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अमेरिकी हाउस में ट्रंप के खिलाफ प्रस्ताव पास, माइक पेंस ने कहा राष्ट्रपति को फ़ौरन हटाएं

अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने 25वें संशोधन के जरिए ट्रंप को हटाने का प्रस्ताव पासकिया, उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने मांग नहीं मानी तो महाभियोग की कार्यवाही होगी
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने डोनाल्ड ट्रंप को हटाने की माँग करने वाला प्रस्ताव पास कर दिया है। इस प्रस्ताव में उप-राष्ट्रपति माइक पेंस से अनुरोध किया गया है कि वे संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल करें और डोनाल्ड ट्रंप को अयोग्य घोषित करते हुए फ़ौरन राष्ट्रपति पद से हटा दें। प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिकी संसद पर हुए हमले में ट्रंप की भूमिका से साफ़ है कि उनका राष्ट्रपति बने रहना देश के संविधान और लोकतंत्र के लिए बड़ा ख़तरा है। हाउस ने अब से थोड़ी देर पहले इस प्रस्ताव को लंबी चर्चा के बाद पारित कर दिया।
अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन में इस बात का प्रावधान है कि राष्ट्रपति अगर किसी भी कारण से अपने कर्तव्य को सही ढंग से निभा पाने में असमर्थ साबित हो जाएं तो उप-राष्ट्रपति कैबिनेट के अन्य सदस्यों की सहमति से उन्हें हटा सकते हैं। ऐसी हालत में उप-राष्ट्रपति को ही कार्यवाहक राष्ट्रपति की ज़िम्मेदारी सँभालनी होती है।
हाउस स्पीकर नैंसी पलोसी और डेमोक्रेट सांसदों का मानना है कि ट्रंप को राष्ट्रपति पद का दुरुपयोग करके अमेरिकी संविधान और लोकतंत्र को नुक़सान पहुँचाने या हिंसा भड़काने से रोकने का सबसे सीधा उपाय यही है कि उन्हें 25 वें संशोधन का इस्तेमाल करके हटा दिया जाए। यही वजह है कि हाउस में प्रस्ताव पारित करके उप-राष्ट्रपति से इस दिशा में कदम उठाने की माँग की गई है। कई रिपब्लिकन सांसदों ने भी सार्वजनिक तौर पर ट्रंप को जल्द से जल्द हटाने का समर्थन किया है।
हालाँकि उप-राष्ट्रपति माइक पेंस पहले ही हाउस स्पीकर नैंसी पलोसी की चिट्ठी के जवाब में साफ़ कर चुके हैं कि वे 25वें संशोधन का इस्तेमाल करके ट्रंप को हटाने के पक्ष में नहीं है। पेंस का कहना है कि ट्रंप के कार्यकाल के कुछ ही दिन बाक़ी बचे हैं, ऐसे में उनके ख़िलाफ़ इस तरह का कदम उठाने की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर पेंस हाउस की तरफ़ से प्रस्ताव पारित होने के बाद भी अपने इसी रुख़ पर क़ायम रहते हैं और ट्रंप को हटाने के लिए तैयार नहीं होते, तो अमेरिकी संसद में महाभियोग की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
अगर ऐसा होता है तो ट्रंप अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होंगे जिनके ख़िलाफ़ दो बार महाभियोग की कार्यवाही की जाएगी। क़रीब एक साल पहले भी ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की कार्यवाही हुई थी, जिसे हाउस ने पारित भी कर दिया था। लेकिन अमेरिकी संसद के दूसरे सदन – सीनेट ने महाभियोग के प्रस्ताव को ख़ारिज करके ट्रंप की कुर्सी बचा ली थी। सीनेट में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत रहा है। लेकिन इस बार रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसद भी खुलकर ट्रंप के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं।
उन्हें लगता है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को संसद पर हमले के लिए उकसाकर ऐसा काम किया है, जिसके बाद उन्हें एक दिन भी पद पर बने नहीं रहना चाहिए। ऐसे सांसद अगर महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में वोट डालते हैं तो ट्रंप को पद से हटाने की कोशिश कामयाब हो सकती है। वरना 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति के पद सँभालने तक ट्रंप अपने पद पर बने रहेंगे। ख़ास बात ये है कि अगर ट्रंप को महाभियोग के ज़रिए हटा दिया गया तो वे दोबारा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इतना ही नहीं, उन्हें पूर्व राष्ट्रपति के तौर पर मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित रहना होगा।