सुप्रीम कोर्ट जारी रखेगा ED की शक्तियों की समीक्षा, फिर ठुकराई केंद्र की मांग

जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हमें सुनवाई करने से कोई रोक नहीं रोक सकता

नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट में PMLA के तहत ED की शक्तियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले पर सुनवाई जारी रखेगा. अदालत ने कहा कि वह सॉलिसिटर जनरल से सहमत या असहमत हो सकते हैं लेकिन उनको सुनवाई शुरू करने दी जाए. जिन याचिकाओं पर अदालत सुनवाई कर रहा है इनको कई मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के आरोपियों ने दायर किया है. केंद्र की तरफ से SG तुषार मेहता ने यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि पहले याचिकाओं में केवल 2 प्रावधानों की वैधता को चुनौती दी गई थी, लेकिन अब कई अन्य प्रावधानों को चुनौती दी गई है. PMLA वर्तमान में देश के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून है.
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा यह जब्ती आपके दोषी ठहराए जाने के बाद अभियोजन की सहायता के लिए है, लेकिन, विजय मदनलाल मामले में PMLA की व्याख्या एक नियामक कानून के रूप में करते हैं. जब आपकी संपत्ति कुर्क हो जाती है, आपका बैंक खाता जब्त हो जाता है, एक व्यापारी का व्यवसाय समाप्त हो जाता है. आपके पास इस तरह के कठोर प्रावधान नहीं हो सकते.
एसजी तुषार मेहता ने कहा, एक राष्ट्र के रूप में हमें गर्व होना चाहिए कि एक ऐसा प्रावधान है जो जब्त की गई संपत्ति को वैध हित के साथ दावेदारों को वापस करने की अनुमति देता है. विशेषकर बैंक धोखाधड़ी के मामलों में पीड़ितों को लगभग 17,000 करोड़ रुपये की राशि लौटाई गई है.
सिब्बल ने कहा, मैं 35 साल से सांसद हूं, और यहां तक कि विपक्ष में भी. ऐसा कानून कभी नहीं देखा. जस्टिस बेला त्रिवेदी ने पूछा कि, 2002 में जब यह कानून बना था तो आप विपक्ष में थे?
सिब्बल ने कहा, यह उचित नहीं है, हो सकता है कि इसे एक सरकार द्वारा अधिनियमित किया गया हो और एक सरकार द्वारा संशोधित किया गया हो, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि इसे इस तरह से लागू किया जाएगा. बाद के संशोधन समस्या हैं.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जब तक कि अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था FATF मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों से निपटने के लिए मूल्यांकन पूरा नहीं कर लेती, तब तक राष्ट्रहित में कम से कम एक महीने तक सुनवाई न हो. उन्होंने ये भी कहा कि 2022 का फैसला तीन जजों का था, जिस पर पुनर्विचार याचिका लंबित है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की ये बेंच सुनवाई नहीं कर सकती. लेकिन जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने केंद्र की इस दलील को खारिज कर दिया. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हमें सुनवाई करने से कोई रोक नहीं रोक सकता. सुनवाई के दौरान हम तय करेंगे कि हम सुनवाई कर सकते हैं या नहीं.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल बेंच का गठन किया गया है. जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. 27 जुलाई 2022 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट ( PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई गिरफ्तारी, जब्ती और जांच की प्रक्रिया को बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिंदबरम और महाराष्‍ट्र सरकार के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख समेत 242 याचिकाओं पर SC फैसला सुनाया था.