सागर मेडिकल काॅलेज बदहाल, मरीज के पलंग के पाये के नीचे लगाए ईंट-पत्थर

8 दिन हो गए ऑपरेशन नहीं हुआ, डॉक्टर ही नहीं मिल पा रहे, जांचें बाहर से कराईं

सागर – सागर मेडिकल काॅलेज का अस्पताल बदहाल है। यहां पलंग काे ऊंचा उठाने के लिए नीचे स्टूल लगाया है। सामने वाले पलंग का एक पाया ईंट पर रखा है। जबकि दूसरे वार्ड में पलंग उपलब्ध हैं।
बीएमसी हड्डी वार्ड क्रमांक 13 में पलंग क्रमांक 12 पर भर्ती मरीज बीते 8 दिन से है। वे खेत में गिर गईं थी ताे हाथ टूट गया है। परिजन लेकर मेडिकल काॅलेज आए। यहां जांच कराई और प्लास्टर चढ़ा दिया। कुछ दिन बाद खाेला गया। बताया कि हड्डी सही नहीं जुड़ी है इसलिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। इसके बाद से ऑपरेशन का नंबर नहीं लग रहा है।

परिजन ने बताया कि हाथ टूटे हुए 10-12 दिन हाे गए। वार्ड में ही 8 दिन से रुके हुए हैं। घर पर काम का नुकसान हाे रहा है। यह मरीज गढ़ाकोटा से आई हैं। साथ में परिजन हैं। इसी तरह अन्य मरीज भी हैं जाे 8-10 दिन से ऑपरेशन का इंतजार कर रहे हैं। उनके ऑपरेशन नहीं हाे पा रहे हैं। इसका कारण डाॅक्टर का छुट्टी पर हाेना और केवल एक ही डॉक्टर का हाेना बताया जा रहा है। अधीक्षक एस कुमार पिप्पल के मुताबिक मरीजाें के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। हर राेज ऑपरेशन हाे रहे हैं।

बाहर से करानी पड़ी जांचें

मरीज के परिजन ने बताया कि ऑपरेशन के लिए जांच कराने के लिए बाेला। बताया अस्पताल में जांच नहीं हाेगी। इस कारण बाहर से कराई है। 600 रुपए खर्च हाे गए हैं। ऑपरेशन नहीं हाे पा रहा है। यह भी जल्दी हाे जाए ताे घर जाकर खेती का काम देख सकें।

जुगाड़ से पलंग काे ऊंचा किया, नीचे स्टूल लगा दिया

पलंग क्रमांक 13 पर भर्ती मरीज के पलंग काे ऊंचा करने के लिए नीचे स्टूल व पायाें में ईंट, पत्थर लगा दिए गए हैं, ऐसा नहीं कि अस्पताल प्रबंधन के पास एक ओर से ऊंचे उठने वाले पलंग नहीं हैं, हड्डी पुरुष वार्ड में ही रखे हुए हैं लेकिन उसी तरह के पलंग इस वार्ड में नहीं हैं। यहां जुगाड़ बनाकर पलंग काे पैराें की ओर से ऊंचा उठाया गया है। यह मरीज के लिए खतरनाक भी हाे सकता है। पलंग पर वही फटे गद्दे हैं। इनका रेग्जीन फट गया है। फाेम नजर आने लगा है। फटे गद्दाें काे चादर से ढंककर रखा जा रहा है। मरीजाें के मुताबिक हर राेज चादर नहीं बदले जा रहे, मांगने पर ही चादर मिल रहा है।