कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने पूछा – क्या PhonePe के माध्यम से रिश्वत नहीं ली जा रही है?

मध्यप्रदेश के अंदर 50% कमीशन की सरकार – चौधरी

भोपाल- मध्यप्रदेश में चल रही पोस्टर पॉलिटिक्स में PhonePe के ट्वीट के बाद सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने बीजेपी पर PhonePe के जरिए रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा- क्या PhonePe के माध्यम से रिश्वत नहीं ली जा रही है? स्पष्ट करें, इस बात की जांच करें कि कहां से पैसा लिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के अंदर 50% कमीशन की सरकार है। ऐसी सरकार के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। पूरी ताकत के साथ कार्रवाई करेंगे। जनता और कार्यकर्ता इन पोस्टरों को लगा रहे हैं।

मुंह पर लगाएंगे पोस्टर-कुणाल चौधरी

कुणाल चौधरी ने कहा- फोनपे भी सुन ले, शासन भी सुन ले कि, अगर गलती की तो एक-एक नेता, एक-एक कार्यकर्ता, जनता निकालकर इनके मुंह पर पोस्टर लगाने का काम करेगी। मध्यप्रदेश में जो महाकाल का घोटाला हुआ, उसमें 80% कमीशन लिया गया। सतपुड़ा भवन जला, जो भ्रष्टाचार की फाइलों की कब्रगाह बन गया। इसका जवाब हम जनता के बीच में मांग रहे हैं। उनको जवाब देना पड़ेगा। इधर-उधर की बात करने की कोशिश ना करें। पूरी ताकत के साथ 50% की कमीशन वाली सरकार को उखाड़ देंगे। फोनपे को इतना अनइंस्टॉल करेंगे कि समझ में आ जाएगा। इधर-उधर की बात ना करें। जनता की आवाज उठाने वालों को डराने की जरूरत नहीं है। सरकार शासन प्रशासन से घबराने की जरूरत नहीं है।

कांग्रेस ने भी ट्वीट किया

MP कांग्रेस ने भी अपने अधिकारिक ट्विटर हेंडल से फोन पे को लेकर ट्वीट किया। इसमें लिखा प्रिय फोनपे टीम, आप किस पोस्टर या बैनर की बात कर रहे हैं, कृपया उल्लेखित/स्पष्ट करें, सार्वजनिक करें। क्या फोनपे अपने अधीन ट्रांसफर होने वाले पैसों के उपयोग के लिए भी उत्तरदायी है ? क्या आप फ़ोन पे के उपयोग/दुरूपयोग के मामले को भविष्य में मॉनिटर करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आपके ऐप के माध्यम से ट्रांसफ़र किया गया पैसा कभी भी रिश्वत या भ्रष्टाचार के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा। क्या आप प्रमाणित करेंगे कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार नहीं है और यदि है तो उसकी दर क्या है ? आपके ऐप के माध्यम से मध्यप्रदेश में रिश्वत नहीं ली जाती है। क्या आपके किसी पदाधिकारी ने बीजेपी के किसी नेता/सरकार से पिछले 7 दिनों में कोई संवाद नहीं किया है? कृपया स्पष्टता और पारदर्शिता के साथ आएं, अन्यथा आपके इस ट्वीट को राजनीति से प्रेरित और एक दल विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य में गिना जाएगा और आपके विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।