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योगी को सरकार चलानी नहीं आती- उमा भारती
नई दिल्ली। यूपी के हाथरस में 19 साल की दलित युवती से गैंगरेप और हत्या के बाद पूरा देश आक्रोश में है। इसके बाद यूपी सरकार के अमानवीय रवैये से आक्रोश ग़ुस्से में बदल रहा है। योगी सरकार ने पहले तो परिजनों की मर्जी के खिलाफ पीड़िता की आनन-फानन में आधी रात को अंत्येष्टि करा दी और अब एसआईटी जांच के नाम पर गांव में किसी की भी आवाजाही रोक दी है। वहां न तो मीडिया को जाने दिया जा रहा है और न ही विपक्ष को। इस व्यवहार पर बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने मुख्यमंत्री योगी को नसीहत दी है।
उमा भारती ने एक के बाद एक 8 ट्वीट किए और लिखा कि आदरणीय योगी जी आपको जानकारी होगी मैं एम्स ऋषिकेश में भर्ती हूं। आज मेरा 7 वां दिन है इसलिए मैं अयोध्या मामले में सीबीआई कोर्ट में नहीं पहुंच पाई। मैं किसी से मिल नहीं सकती, फोन नहीं कर सकती, लेकिन टीवी है जिससे मुझे समाचार मिल रहे हैं। मैंने हाथरस की घटना के बारे में देखा। पहले तो मुझे लगा कि मैं ना बोलूं क्योंकि आप इस सम्बंध में ठीक ही कार्रवाई कर रहे होंगे। किन्तु जिस प्रकार से पुलिस ने गांव की एवं पीड़ित परिवार की घेराबंदी की है उसके कितने भी तर्क हों, लेकिन इससे विभिन्न आशंकाएं जन्मती हैं। एक दलित परिवार की बिटिया की बड़ी जल्दबाजी में पुलिस ने अंत्येष्टि की और परिवार की घेराबंदी कर दी गई है। मेरी जानकारी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि एसआईटी जांच में परिवार किसी से मिल ना पाए।
मा भारती ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि हमने राम मंदिर का शिलान्यास किया है. देश में राम राज्य लाने का दावा किया है. किंतु इस घटना पर पुलिस की संदेहपूर्ण कार्रवाई से आपकी यानि यूपी सरकार की और बीजेपी की छवि पर आंच आई है।
उमा भारती ने कहा,”मैं कोरोना वार्ड में बहुत बेचैन हूं। अगर मैं कोरोना पॉजिटिव नहीं होती तो मैं भी उस गांव में उस परिवार के साथ बैठी होती। एम्स ऋषिकेश से छुट्टी होने पर मैं हाथरस में उस पीड़ित परिवार से जरूर मिलूंगी। मैं बीजेपी में आपसे वरिष्ठ एवं आपकी बड़ी बहन हूं। मेरा आग्रह है कि आप मेरे सुझाव को अमान्य मत करिएगा। आप एक बहुत ही साफ़ सुधरी छवि के शासक है। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मीडियाकर्मियों को एवं अन्य राजनीतिक दलो के लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने दीजिये।