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भारतीय टीम भले ही लगातार सीरीज जीत रही हो और पहली बार ऑस्ट्रेलिया को किसी वनडे सीरीज में 4-1 से हरा दिया हो, लेकिन अभी उसे सर्वश्रेष्ठ का तमगा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वह परफेक्ट नहीं हो पाई है. अभी उसे कई जगह काम करना बाकी है. भले ही विराट की टीम ने चेन्नई, कोलकाता, इंदौर और नागपुर में ऑस्ट्रेलिया को हराया, लेकिन बेंगलुरु में चौथे वनडे में मिली हार ने उसके सर्वश्रेष्ठ होने के दावे को धता बता दिया. इस हार ने बता दिया कि उसे अभी अपनी बेंच स्ट्रेंथ पर और काम करना बाकी है जो विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी जीत दिला सके.
इसमें शक नहीं है कि सीरीज में कुलदीप-युजवेंद्र जैसे दो कलाई के स्पिनरों, भुवनेश्वर-शमी जैसे दो बेहतरीन तेज गेंदबाजों और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के कॉकटेल ने भारत को एक बेहतर संयोजन दिया जो जीत के असल कारक रहे, लेकिन जहां कुलदीप, भुवी और बुमराह को आराम दिया गया तो टीम इंडिया को हार का सामना परिस्थितियों करना पड़ा. हाल में विराट के नेतृत्व में जो जीत हासिल हुई हैं उनमें से अधिकतर घरेलू मैदान में मिली. विदेश में भी जो जीत मिली वह श्रीलंका व वेस्टइंडीज के खिलाफ थी.
इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में विपरीत परिस्थितियां सामने आते ही टीम बुरी तरह हार गई. अभी भारत को घर में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टी-20 मैचों की सीरीज और इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे व टी-20 सीरीज खेलनी हैं. हो सकता है टीम इंडिया उसमें भी जीत जाए, लेकिन अगले साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका दौरे में उसे जीत हासिल करने के लिए सर्वश्रेष्ठ टीम की जरूरत होगी. रोहित को भारत के पाटा पिचों की जगह अफ्रीकी तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने उनके घर में ही रन बनाने होंगे.
अभी तक विराट और टीम प्रबंधन चौथे नंबर पर जबरदस्ती मनीष पांडे, पांड्या या राहुल को उतारने में जुटा है जो सही नहीं है. लगातार चार मैचों में अर्धशतक लगाने के बावजूद रहाणे को टी-20 सीरीज से बाहर कर दिया, पर क्या चयनकर्ता यह बता पाएंगे कि रोहित और शिखर दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर रन बना पाएंगे? भारतीय टीम को चौथे नंबर के लिए स्थायित्व लाना होगा.
यही नहीं धौनी को सातवें नंबर पर अब इस्तेमाल करना बेकार है, क्योंकि अब उन्हें रन बनाने के लिए पहले कुछ गेंदों को खेलना होता है. कुल मिलाकर अभी विराट को भविष्य की अंतिम एकादश तैयार करना बाकी है. उस एकादश में रहाणे, सुरेश रैना, राहुल, अश्विन, जडेजा और युवराज सिंह फिट होंगे या नहीं यह प्रबंधन को तुरंत तय कर लेना चाहिए और इन खिलाड़ियों को इस बारे में अवगत भी करा देना चाहिए.