मोदी सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

मोदी सरकार के इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली में 20 हज़ार करोड़ की भारी-भरकम लागत से नए संसद भवन समेत कई नई इमारतों का निर्माण किया जाना है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अब सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार के इस बेहद खर्चीले प्रोजेक्ट को हरी झंडी देते हुए इसे चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्माणाधीन संसद भवन में स्मॉग टॉवर लगाने को भी कहा है। मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन समेत कई भव्य इमारतों का निर्माण किया जाना है, जिस पर आम जनता पर टैक्स लगाकर जुटाई गई करीब बीस हज़ार करोड़ रुपये की भारी-भरकम खर्च करने की तैयारी है। 

मोदी सरकार की इस खर्चीली परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि मोदी सरकार ने सही ढंग से कानूनी मंज़ूरी लिए बिना इस विशाल परियोजना को शुरू कर दिया है।  याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी है। साथ ही उन्होंने इस परियोजना के लिए दी गई पर्यावरण से जुड़ी मंजूरियों में भी काफी खामियां गिनाई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि मोदी सरकार की इस परियोजना के कारण संसद भवन के आसपास मौजूद ऐतिहासिक इमारतों को भारी नुकसान पहुंचने की भी आशंका है।

क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना 

दरअसल सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत देश में नए संसद भवन, बेहद आलीशान प्रधानमंत्री निवास, एक शानदार प्रधानमंत्री कार्यालय भवन और भव्य उप-राष्ट्रपति भवन का निर्माण शामिल है। इसके अलावा इसमें एक केंद्रीय सचिवालय भवन और तमाम मंत्रालयों की भव्य और आलीशान इमारतों का निर्माण होना है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर कम से कम बीस हज़ार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितम्बर में हुई थी। प्रोजेक्ट के तहत प्रस्तावित संसद भवन में 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इस परियोजना का तहत दस इमारतों को आपस में जोड़कर 51 मंत्रालयों के लिए विशाल भवनों का निर्माण किया जाएगा। मोदी सरकार ने इसे स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर यानी अगस्त 2022 तक बनाकर पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जबकि साझा केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक किए जाने का अनुमान है। यह प्रोजेक्ट दिल्ली के लुटियंस ज़ोन में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ है।

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