यूपी की योगी सरकार झूठी, 63 बच्चो की मौत का कारण कौन ?

यूपी सरकार और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में ले लिया हैं. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में करीब 60 बच्चों की मौत के जिम्मेदार डॉक्टर कफ़ील ख़ान विभागीय जांच में निर्दोष पाए गए हैं. ध्यान रहे कि अगस्त 2017 में जापानी एनसेफेलाइटिस के कारण गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज सुर्ख़ियों में था. अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 60 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी. मामले को मीडिया द्वारा गंभीरता से उठाया गया था जिसके बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की नींद खुली थी. सरकार ने अपने को बेदाग़ साबित करने के लिए आनन फानन में कार्रवाई की और मामले में डॉक्टर कफील खान को दोषी बनाया. डॉक्टर कफील को लापरवाही से काम करने के अलावा भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते संस्पेंड किया गया था. दिलचस्प बात ये है कि इन्हीं आरोपों को आधार बनाकर डॉक्टर कफील खान पर मुकदमा हुआ था और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.

60 बच्चे मरे कैसे ?
घटना को बीते दो साल हो चुके हैं मगर जो सवाल आज भी जस का तस खड़ा है वो ये है कि जब सब कुछ सही था तो आखिर उन 60 बच्चों की मौत कैसे हुई ? ये सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि तब मामले में मुख्या आरोपी डॉक्टर कफील को बनाया गया था जिन्हें जांच के बाद निर्दोष साबित कर दिया गया है. मामले पर सरकार के अपने पक्ष हैं. वहीं कफील खान का कुछ और ही कहना है.

गोरखपुर में बच्चे मरे थे ये एक अकाट सत्य है. इस सत्य को बदला नहीं जा सकता. अब वो वक़्त आ गया है जब हमें वजह तलाशनी होगी और ये जानना होगा कि जब वहां गोरखपुर में सब सही था तो फिर बच्चों की मौत हुई तो हुई कैसे? दो साल बीत गए हैं और नैतिकता का तकाजा यही है कि सरकार मामले के असली दोषियों को सख्त से सख्त सजा दे ताकि वो लोग जिनके बच्चे मरे थे उन्हें इंसाफ मिल सके.

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