शराबबंदी की मांग पर उमा भारती की पीड़ा, कहा- पार्टी नहीं करती समर्थन पहुंची अज्ञातवास पर

भोपाल- मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अज्ञातवास पर चली गईं हैं। प्रदेश में लगातार शराबबंदी की मांग कर रही उमा भारती ने खुद के अकेले पड़ने की पीड़ा जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पार्टी की ओर से उनके अभियान को समर्थन नहीं मिलता।

दरअसल, पूर्व सीएम उमा भारती शराबबंदी के मुद्दे पर सरकार के रवैए से व्यथित हैं। उमा भारती ने लिखा कि मेरे अभियान पर निजी तौर पर पार्टी और नेता समर्थन करते है लेकिन पार्टी की तरफ से कोई विशेष आयोजन इन विषयों को लेकर नहीं होता है। उन्होंने कहा है कि वे अब अज्ञातवास में रहेंगी। उन्होंने अमरकंटक के आसपास अज्ञातवास में रहने का फैसला लिया है।

उमा भारती ने लिखा कि, ‘2019 से पहले गंगा के किनारे की यात्रा के लिए और अब शराब के खिलाफ अपने अभियान के लिए भगवान का और लोगों का साथ तो रहा, लेकिन मेरी अपनी पार्टी भाजपा मेरे इन दोनों अभियानों के प्रति कार्यक्रम के दृष्टि से तटस्थ रही। निजी तौर पर मेरे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन दोनों अभियानों के लिए मेरे प्रति सम्मान एवं समर्थन दिखाते हैं, लेकिन पार्टी के तरफ से कोई विशेष आयोजन इन विषयों को लेकर नहीं होता।’

उमा ने लिखा कि सोशल मीडिया मेरा सबसे बड़ा सहारा हैं। उनके द्वारा मेरी सभी बातें मेरे परिचित एवं सहयोगियों तक पहुंच जाती हैं । यह तो मीडिया की मेहरबानी है की वो उसमें से खबर बना लेते हैं एवं मेरी पहुँच का दायरा मेरे लोगों तक और बढ़ा देते हैं । उन्होंने आगे लिखा कि दत्त पौर्णिमा (8 दिसंबर) तक प्रतीक्षा करती हूँ की केंद्रीय स्तर पर हमारी पार्टी एवं राज्य स्तर पर हमारी मध्यप्रदेश की सरकार क्या नीति बनाती हैं ? मसला गंभीर हैं। अब 8 दिसंबर के बाद संवाद करेंगे।

बता दें कि उमा पिछले डेढ़ साल से शराबबंदी की मांग का रही हैं। लेकिन पार्टी नेताओं द्वारा उनकी मांग को तवज्जो नहीं दिया जात। भाजपा नेत्री जब आंदोलन का ऐलान करती हैं तो सीएम शिवराज उन्हें मनाते हैं और नई शराब नीति का आश्वासन देते हैं। कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने को लेकर उमा की नाराजगी बढ़ती जा रही है। बहरहाल, उमा भारती का इस तरह अचानक अज्ञातवास पर जाना चर्चा का विषय बन गया है।