उमा भारती ने खुद को मां काली और भाजपा प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी को भैरवनाथ बताया

  • स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी सांची से भाजपा के प्रत्याशी हैं और सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए थे।
  • सांची में उनके समर्थन में सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम उमा भारती चुनावी सभा करने गए थे।

मध्य प्रदेश के 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। ऐसे में नेता अपने वोटरों को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं मंच से अपने भाषणों में नेता खुद को देवी-देवताओं का अवतार तक बताने लगे हैं। ताजा मामला रायसेन की सांची सीट का है, जहां पर बुधवार को चुनावी सभा करने आईं उमा भारती ने खुद को काली मां और भाजपा प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी को अपना बेटा भैरवनाथ बता दिया। इस दौरान मंच पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।

दो दिन पहले मुरैना के जौरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार के लिए आए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी देवी-देवताओं और राक्षसों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने शिवराज को मामा शकुनि, मारीच और कंस तीनों का निचोड़ बताया था।

उमा भारती ने कहा, “प्रभुराम चौधरी जी को जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुझे मिलाया तो मैं देखती रह गई। क्योंकि मैंने ऐसा काला रंग जरा कम देखा था। जब मैंने उन्हें देखा तो लगा ये तो भैरव लगे और भैरव तो काली का पुत्र है। मैं उमा हूं, उमा ही काली होती है। इसलिए मेरा बेटा है भैरवनाथ। जहां पर भैरव होता है, वहां न गरीब और महिलाओं का अपमान नहीं हो सकता है। ये मेरा बेटा भैरवनाथ है, मेरा बेटा है। ये आप सबकी रक्षा करेगा। हमारा मुकाबला कोई नहीं कर सकता है। ये मेरा बेटा है, मेरा रक्षक है। इसलिए आज मैं माला पहनाऊंगी।”

इसके बाद मंच प्रभुराम चौधरी को ले आए। उमा बोलीं- ‘आप मुझे वचन दो कि मेरे भैया शिवराज जी, मोदी जी और भैरव नाथ इन पर आप 3 तारीख को कमल पुष्प की वर्षा करोगे। आप जब मैदान में आए हो, सब वोट देने वाले हो, लेकिन आप सब को वोट दिलवाना है। एक-एक को 100-100 वोट दिलवाना है। ऐसी प्रचंड जीत होनी चाहिए कि मेरा माथा गर्व से ऊंचा हो जाए कि आप लोगों ने मेरे बेटे (प्रभुराम चौधरी) और बड़े भाई (शिवराज सिंह) का मान रखना।’ इसके बाद उमा भारती ने पूछा कि विजय कीर्ति की माला पहना दूं। जनता ने हामी भरी तो उन्होंने माला पहना दी।

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