- Cupido filippino Evaluation nel 2020: Functions , Professionals , Drawbacks
- What Rewards May I Win? Huuuge Casino Help Cente
- Partners Can Share Their Love of Flora & Fauna al Peggy Notebaert Nature Museum di Chicago
- भगोरिया में शामिल हुए कांतिलाल भूरिया
- कांग्रेस के बैंक खातों को सीज करने पर कमलनाथ बोले-सरकार निचले स्तर पर उतर आयी है
रेवड़ी कल्चर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट, अब हमें फ्री बी को परिभाषित करना होगा
नई दिल्ली। फ्री बी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम फैसला करेंगे कि फ्री बी क्या है। अब यह परिभाषित करना होगा कि फ्रीबी क्या है, जनता के पैसे को कैसे खर्च किया जाए। हम परीक्षण करेंगे। क्या सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल, पीने के पानी तक पहुंच, शिक्षा तक पहुंच को फ्रीबी माना जा सकता है? हमें यह परिभाषित करने की आवश्यकता है कि एक फ्रीबी क्या है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या हम किसानों को मुफ्त में खाद देने से रोक सकते हैं, मुफ्त शिक्षा, सार्वभौमिक शिक्षा का वादा, सार्वजनिक धन खर्च करने का सही तरीका है। क्या कोई मुफ्त लंच हो सकता है? राज्य के राजनीतिक दलों को मतदाताओं से वादे करने से नहीं रोका जा सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगा। कुछ लोगों का कहना होता है कि पैसे की बर्बादी हो रही है। इसके अलावा कुछ लोगों की राय होती है कि यह वेलफेयर है। यह मामला जटिल है।
हालांकि, चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने यह भी कहा कि अदालत राजनीतिक दलों को मुफ्त में चीजें देने की स्कीमों का ऐलान करने से नहीं रोक सकती। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह सरकार का काम है कि वह लोगों के लिए वेलफेयर के लिए काम करे। चीफ जस्टिस ने कहा कि किन स्कीमों को मुफ्तखोरी की घोषणाओं में शामिल किया जा सकता है और किन्हें नहीं, यह बहुत ही जटिल मसला है।