शिवसेना ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना कहा “महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना पाने का बदला किसानों से ना ले केंद्र”

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से रविवार को एक वीडियो ट्वीट किए जाने पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए पलटवार किया है. दरअसल, शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की 7वीं पुण्यतिथि पर रविवार को फडणवीस ने अपने ट्विटर हैंडल से जो वीडियो अपलोड किया था उसमें बाल ठाकरे को ये कहते सुना जा सकता है कि पैसा आता-जाता रहता है लेकिन एक बार आत्म-सम्मान चला गया तो वो फिर कभी वापस नहीं आता.

फडणवीस के इस ट्वीट को सीधे तौर पर शिवसेना पर प्रहार माना गया जो एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर नया गठबंधन बनाने के लिए तैयार नज़र आ रही है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय लेख में सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना पाने की वजह से केंद्र सरकार बदले की कार्रवाई नहीं करे.

105 विधायकों वाले आत्मसम्मान की बात कर रहे हैं

सामना में कहा गया कि लोग राज्य में बीजपी सरकार नहीं ला सके. हम निवेदन करते हैं कि सरकार इसके लिए किसानों से बदला नहीं ले. लेख में कहा गया, ‘वो जिनके पास 105 (बीजपी विधायक) हैं वो हमसे आत्मसम्मान की बात कर रहे हैं. हालांकि, किसान खेती से जुड़ी तमाम परेशानियों की वजह से संकट झेल रहे हैं लेकिन उन्होंने अपनी अस्मिता नहीं खोई है. किसानों की इस ताकत और अस्मिता की वजह से ही हम (शिवसेना) केंद्र सरकार से लड़ रहे हैं.’

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि बीजेपी केंद्र में शासन कर रही है और राज्यपाल पर उसका सीधा नियंत्रण है. बता दें कि बेमौसमी बारिश ने महाराष्ट्र में किसानों के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी कर दी हैं. 2 नवंबर को पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने किसानों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि का ऐलान किया था. लेकिन कांग्रेस और एनसीपी ने ये राशि बढ़ाकर 25,000 करोड़ करने की मांग की.

वहीं राज्यपाल ने अपनी ओर से खरीफ की फसल के लिए 8,000 रुपये प्रति हेक्टेयर (2 हेक्टेयर तक) और बागबानी फसलों के लिए 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर (2 हेक्टेयर) मुआवजा किसानों को देने का ऐलान किया है.

शिवसेना ने की किसानों के मुआवजे की मांग

‘सामना’ के लेख में राज्यपाल को ऐसा सुल्तान बताया जो महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनने दे रहा और किसानों को ‘राजा’ से बहुत उम्मीदें थीं लेकिन उन्हें खास कुछ नहीं मिला. शिवसेना ने किसानों को प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये मुआवज़ा देने की मांग की है.

संपादकीय में आखिर में कहा गया है कि बीजेपी इन दिनों सतर्कता के साथ बोल रही है लेकिन इसका चलने का तरीका (कार्रवाई) खतरनाक हो चुका है.

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