भोपाल में बारिश से मचा कोहराम, कलियासोत-भदभदा डैम के भी गेट बंद

भोपाल- भोपाल समेत आसपास के इलाकों में हुई बारिश ने कई गांवों में हालात बिगाड़ दिए। खासकर राजधानी से जुड़े दामखेड़ा और सर्मदा टोला में लोगों के शिफ्ट करने की नौबत बन गई थी। यहां के निचले इलाकों में रहने वाले 70 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था। बुधवार सुबह कलियासोत और भदभदा डैम के गेट बंद होने के बाद कलियासोत नदी का जलस्तर कम हो गया। इससे दामखेड़ा और सर्मदा टोला में खतरा टल गया। हालांकि, दोनों जगह गोताखोर और 10 से ज्यादा कर्मचारियों की टीम अभी भी अलर्ट मोड पर है।

तेज बारिश से कलियासोत, केरवा और भदभदा डैम पूरे भर चुके हैं। इसके चलते नदी किनारे के गांवों में बड़ा संकट खड़ा हो गया। खासकर कलियासोत नदी के किनारों पर जलभराव के हालात बने। मंगलवार को दामखेड़ा के 20 और सर्मदा टोला के 50 परिवारों को शिफ्ट किया गया था। मंगलवार शाम के बाद बारिश बंद हो गई। इसके बाद बुधवार सुबह डैम के गेट बंद कर दिए गए। इससे नदी का जलस्तर भी कम हो गया और दामखेड़ा-सर्मदा टोला के लोगों को राहत मिली।

गोताखोर हर वक्त तैनात
कोलार के फायर ऑफिसर पंकज खरे ने बताया, दामखेड़ा में हर वक्त दो गोताखोर तैनात किए गए हैं। वहीं, सुरक्षा के लिए पुलिस और नगर निगम के कर्मचारी तैनात है। लोगों को पानी में न जाने की समझाईश दी जा रही है। इधर, सर्मदा टोला में भी निचले इलाकों पर नजर रखी जा रही है। बुधवार को नदी का जलस्तर कम हो गया। इसके चलते फिलहाल खतरा टल गया है।

दो साल पहले ऐसे बने थे हालात
वर्ष 2020 की बारिश में दामखेड़ा बी सेक्टर में कलियासोत डैम के चार से छह गेट खुलने से बाढ़ आ गई थी। 150 झुग्गियां बह गई थीं। 300 से अधिक लोग बेघर हो गए थे। ताबड़तोड़ 50 परिवारों को कजलीखेड़ा में शिफ्ट किया था। नदी के किनारे झुग्गियां हटा दी गई थीं, लेकिन बाद में फिर से झुग्गियां बस गईं। यहां रहने वाले लोग शिफ्ट नहीं हो रहे हैं। इस बार कलियासोत के सभी गेट दो बार खुल चुके हैं। हालांकि, बुधवार सुबह सभी गेट बंद हो गए हैं। फिर भी दामखेड़ा में नजर रखी जा रही है।

Leave a Comment