किसान आंदोलन में पंजाब पहुचें राहुल गांधी,कहा कांग्रेस सत्ता में आई तो नए कृषि कानूनों को कूड़ेदान में फेंक देगी

  • ‘खेती बचाओ यात्रा’ का आज दूसरा दिन, पटियाला में जनसभा और भवानीगढ़ से समाना तक ट्रैक्टर रैली करेंगे राहुल गांधी

मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब में ‘खेती बचाओ यात्रा’ निकाल रहे हैं। यात्रा के पहले दिन मोगा में किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वे किसानों को गारंटी देना चाहते हैं कि जिस दिन कांग्रेस सत्ता में आई उस दिन इन तीनों काले कानूनों को खत्म करके कूड़ेदान में फेंक देगी। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार को नए कृषि बिल पास करने ही थे, तो इन पर सबसे पहले लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा करनी चाहिए थी। जिससे सारे देश के सामने साफ हो जाता कि इन नए कानूनों में किसके हित की बात की गई है।

राहुल गांधी की खेती बचाओ यात्रा का आज दूसरा दिन है। राहुल आज ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेने के साथ ही साथ जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। आज पहले तो संगरूर के बरनाला चौक पर उनका स्वागत किया जाएगा। इसके बाद दोपहर में राहुल गांधी भवानीगढ़ में जनसभा करेंगे। भवानीगढ़ से समाना तक ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। इस दौरान फतेहगढ़ छाना और बहमना में राहुल किसानों से मिलेंगे। इसके बाद शाम 4 बजे पटियाला के समाना अनाज मंडी में जनसभा को संबोधित करेंगे।

पंजाब के तीन दिवसीय दौरे के बाद राहुल गांधी हरियाणा सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। 6 अक्टूबर को राहुल गांधी पेहवा से होते हुए किसानों के साथ देवीगढ़ से हरियाणा में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे। फिर पेहवा से आगे जाने की योजना बनाएंगे। राहुल गांधी पेहवा से पीपली-निलोखेड़ी-कैथल और कुरुक्षेत्र होते हुए करनाल मंडी में अपनी यात्रा समाप्त करेंगे। इस अभियान से राज्य सरकार के साथ सीधे टकराव की स्थिति बन सकती है क्योंकि हरियाणा सरकार ने अभी साफ नहीं किया है कि वो किसानों के साथ राहुल गांधी को प्रवेश करने देगी या नहीं।

बता दें कि कांग्रेस ने अपनी प्रदेश सरकारों से कहा है कि कृषि विधेयकों को खारिज करने के लिए वो कानून पर विचार करें। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों से कहा है कि वे संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत अपने राज्यों में ऐसे कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाएं, जो केंद्रीय कानून को बेअसर कर दें।

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