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राफेल मामला: राहुल गांधी ने की जेपीसी जांच की मांग, केंद्र ने ठुकराई

नई दिल्ली. राफेल विमान सौदे (Rafale Deal) को सुप्रीम कोर्ट की क्लीनचिट (Clean Chit) मिलने के बाद भी सियासी वार-पलटवार का दौर खत्म नहीं हुआ है. फैसले के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से सौदे की जांच कराने की मांग की. इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले की जेपीसी से जांच कराने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राहुल बचकानी हरकतें करते हैं, लेकिन उन्हें इसका सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा, फैसले से ही बड़ी जांच के लिए गुंजाइश पैदा हुई है
इससे पहले राहुल गांधी ने दावा किया कि शीर्ष अदालत (Supreme Court) के निर्णय से ही इस मामले की बड़ी जांच के लिए गुंजाइश पैदा हुई है. ऐसे में जांच के लिए जेपीसी का गठन होना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया कि शीर्ष अदालत के जस्टिस जोसेफ ने फैसले में जो कहा है, उससे राफेल सौदे की जांच के लिए रास्ता खुल गया है. ऐसे में इस मामले की पूरी तरह जांच शुरू होनी चाहिए. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) को क्लीनचिट देते हुए कहा कि कोई पुनर्विचार याचिका (Review Petitions) सुनवाई योग्य नहीं हैं. कोर्ट ने अपने 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.
Justice Joseph of the Supreme Court has opened a huge door into investigation of the RAFALE scam.
An investigation must now begin in full earnest. A Joint Parliamentary Committee (JPC) must also be set up to probe this scam. #BJPLiesOnRafale pic.twitter.com/JsqZ53kZFP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 14, 2019
‘SC ने कहा – हम मर्यादा में बंधे, अन्य एजेंसी के साथ ऐसा नहीं है’
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने इस मामले पर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का निर्णय साबित करता है कि राफेल सौदे की आपराधिक जांच का रास्ता खुल गया है. बीजेपी (BJP) के लिए यह जश्न का नहीं बल्कि आपराधिक जांच पर आगे बढ़ने का समय है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे हाथ संवैधानिक मर्यादा में बंधे हो सकते हैं, लेकिन अन्य किसी एजेंसी के साथ ऐसा नहीं है.’ सुरजेवाला के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट तौर पर कहा है कि आर्टिकल-32 (Article 32) के तहत उनके पास सीमित अधिकार हैं. हमारे अलावा कोई भी स्वतंत्र एजेंसी इस मामले की तफ्तीश कर सकती है.
No amount of ‘hair splitting’ and selective & convenient nitpicking won’t help you @RahulGandhi. You have been shamed for disgraceful conduct & distasteful comments. The judgment is a comprehensive indictment of your lies. “Clutching at straws” won’t help redeem your condemnation https://t.co/7fNvESvvWd
— GVL Narasimha Rao (@GVLNRAO) November 14, 2019