बिहार के मुंगेर जिले में दुर्गा मूर्ति विर्सजन के दौरान पुलिस फायरिग मामले में विरोध प्रदर्शन तेज, विपक्ष ने नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा

सोमवार देर रात देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी और पथराव में एक युवक की मौत हो गई थी और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में 20 साल के युवक की मौत हो गई थी.

बिहार के मुंगेर जिले में सोमवार रात देवी दुर्गा की मूर्ति विर्सजन को लेकर झड़प के दौरान हुई पुलिस फायरिग में एक युवक की मौत के मामले में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है. आरजेडी और कांग्रेस सहित कई दलों ने गुरुवार को नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी के कामकाज पर सवाल उठाए और मुंगेर हिंसा के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया. इस मामले में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. मुंगेर पुलिस ने दावा किया था कि भीड़ ने हिंसा फैलाई जिसमें युवक की मौत हुई, जबकि सीआईएसएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि फायरिंग पुलिस की ओर से की गई.

सीआईएसएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आक्रोशित भीड़ को संभालने के लिए पुलिस ने लोगों पर फायरिंग की. उपद्रवियों ने पुलिस बल पर पत्थरबाजी की थी जिस पर पुलिस ने फायरिंग शुरू की. रिपोर्ट के मुताबिक, उग्र भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला किया जिसके बाद पुलिस बल को अपनी रक्षा में फायरिंग करनी पड़ी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिंसक भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. सीआईएसएफ की रिपोर्ट से साफ हो गया कि पुलिस ने ही भीड़ पर फायरिंग की थी न कि भीड़ में मौजूद लोगों ने गोली चलाई थी. इस घटना को संज्ञान में लेते हुए निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को मुंगेर के एसपी और डीएम को हटाने का आदेश दिया और पूरे मामले की सघन जांच करने का निर्देश दिया. एक हफ्ते के अंदर हिंसा की रिपोर्ट तलब की गई है. हिंसक घटना की जांच चुनाव आयोग ने मगध के डिविजनल कमिश्नर असंगबा चुबा को सौंपी है.

झूठा निकला प्रशासन का दावा
सीआईएसएफ की रिपोर्ट आने के साथ ही मुंगेर प्रशासन का वह दावा झूठा निकला जिसमें भीड़ की ओर से फायरिंग करने की बात कही गई थी. बता दें, सोमवार देर रात देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी और पथराव में एक युवक की मौत हो गई थी और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में 20 साल के युवक की मौत हो गई थी. दूसरी ओर, इस बारे में मुंगेर के डीएम राजेश मीणा ने कहा था कि भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से युवक मारा गया था. एसपी लिपि सिंह ने कहा था, कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पथराव किया, जिसमें 20 जवान घायल हो गए. भीड़ की तरफ से गोलीबारी भी की गई जिसमें दुर्भाग्य से एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सुरक्षाकर्मियों को विसर्जन जुलूस में लोगों के एक समूह पर लाठीचार्ज करते दिखाया गया था.

सीआईएसएफ की रिपोर्ट

क्या है रिपोर्ट में
मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह ने ये आरोप लगाया था कि दुर्गा प्रतिमा विर्सजन जुलूस के दौरान उपद्रवियों ने फायरिंग की थी और उनकी फायरिंग से ही एक युवक की मौत हो गई थी. सीआईएसएफ की आंतरिक रिपोर्ट ने लिपि सिंह का आरोपों की पोल खोल दी है. मुंगेर की घटना के बाद सीआईएसएफ के डीआईजी ने अपने मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी है. दरअसल चुनाव के मद्देनजर मुंगेर में सीआईएसएफ की टीम को तैनात किया गया था. मुंगेर की एसपी ने दुर्गा प्रतिमा विर्सजन जुलूस के दौरान इस टीम का उपयोग किया था. इसके मद्देनजर ही सीआईएसएफ के डीआईजी ने अपनी रिपोर्ट भेजी है.

एक चौंकाने वाली बात यह भी है कि पूरब सराय थाने से लगभग सौ राउंड गोलियां गायब हैं. थाने ने इसके बारे में वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है. बता दें, गुरुवार को यहां भीड़ ने थाने पर हमला किया था. उग्र लोगों ने थाने को आग के हवाले कर दिया था.

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