पीसी शर्मा बोले- नौटंकी कर रहे हैं शिवराज, 17 वर्षों बाद आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की सुध ली

भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए खिलौने सहित अन्य सामान जुटाने के लिए अभियान शुरू किया है। इस पर जमकर सियासत चल रही है। गुरुवार सुबह सीएम शिवराज ने इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रदेश के नाम संदेश जारी किया तो कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेशभर की आंगनवाड़ियों की व्यवस्था बदहाल है। पानी, बिजली, शौचालय आंगनवाड़ी में नहीं है। मप्र की कुपोषण के मामले में बदतर स्थिति है। सरकारी एजेंसी नेशलन फैमिली हेल्थ सर्वे को जारी कर आरोप लगाया कि आंगनवाड़ियों में 3 से 6 आयु के 38 लाख 96 हजार 977 बच्चे दर्ज हैं। इनमें से 7 लाख 50 871 को पोषण आहार नहीं दिया जा रहा है। लेकिन, सीएम शिवराज सिंह चौहान सेकेंड हैंड खिलौने बटोरने की नौटंकी कर रहे हैं। सेकेंड हैंड खिलौने का बच्चों की मानसिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

शर्मा ने आरोप लगाया कि भोपाल के अशोका गार्डन में अधिकारियों के दबाव के खिलौने व्यापारियों ने खरीदकर स्टॉल लगाए। 17 साल में कुपोषण खत्म नहीं कर पाए। अब बचे कार्यकाल में खत्म करने की घोषणा की जा रही है। 3 महीने से कार्यकर्ता व सहायिकाओं को मानदेय नहीं मिल रहा है।

एसीएस के पत्र से उजागर हो रहा सच
पीसी शर्मा ने कहा कि 17 वर्षों बाद आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की सुध ली। इसमें भी नौटंकी कर रहे हैं। जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग के एससीएस ने 21 जनवरी 2022 को ही एक पत्र जारी कर सरकारी व्यवस्था की हकीकत उजागर की है। एसीएस ने अपने पत्र में लिखा- अति गंभीर कुपोषित बच्चों का मूल्यांकन ठीक तरीके से नहीं हो रहा है। इनकी संख्या अपेक्षित संख्या की तुलना में बहुत कम है, जो व्यवहारिक रूप से सही प्रतीत नहीं होती है।

कांग्रेस ने जारी किए आंकड़े

97,135 स्वीकृत आंगनवाड़ी हैं।
32,338 आंगनवाड़ी में बच्चों के लिए शौचालय नहीं हैं।
50979 आंगनवाड़ी में अनिवार्य चिकित्सा किट उपलब्ध नहीं हैं।
8623 में आंगनवाड़ियों में खाने के लिए थालियां नहीं हैं।
12,235 आंगनवाड़ी में पानी पीने के लिए गिलास नहीं हैं।
18,778 आंगनवाड़ी में हैंडवॉश की सुविधा नहीं है।
12,705 में आंगनवाडी में शिक्षण सामग्री नहीं है।
17,174 आंगनवाड़ी के पास पक्का भवन नहीं है।
केंद्र सरकार का फंड कहां खर्च हो रहा
प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने सवाल खड़ा किया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को हर पांच साल में हर आंगनवाड़ी के लिए फंड देती है। इसमें मेंटेनेंस के लिए 3 हजार रुपए, फर्नीचर के लिए 19 हजार रुपए प्रति आंगनवाड़ी दिए जाते हैं। इसके अलावा प्री एक्टिविटी यानी चॉक, पैंसिल, खिलौने आदि के लिए हर महीने 3 हजार रुपए दिए जाते हैं। इस राशि का फंड कहां खर्च किया जा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग करने के बजाय प्रदेश का मुखिया ठेले लगाकर, सामग्री की सूची जारी कर मंगताई करने में जुटे हैं। यह सुशासन के के नारे के मुंह पर तमाचा है।

94 करोड़ के खिलौने का क्या हुआ?
गुप्ता ने पूछा- कमलनाथ सरकार में 94 करोड़ रुपए के खिलौने की खरीदी हुई थी। इसकी सप्लाई भी कराई गई थी, ये खिलौने कहां गए? सरकार को 2 साल में ही ठेला निकालल कर मांगीलाल बनने की जरूरत पड़ गई। 60 हजार आंगनवाड़ी को गोद लेने के प्रस्ताव आ चुके हैं। जबकि, 97135 आंगनवाड़ी हैं। लेकिन, सरकार इवेंट करने में जुटी है। प्रदेश की राजधानी के वीआईपी क्षेत्र चार इमली में आंगनवाड़ी टीन के चद्दर वाले कमरे में चल रही है। इसमें शौचालय तक नहीं है।

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