- Stay away from these 19 dating warning flag in 2023
- ????ChinaLoveCupid Evaluation 2023 - whatever you have to find out about any of it! ????
- कांग्रेस की जन आक्रोश यात्राओं को मिल रहा है भारी जन समर्थन, वहीं भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पूरी तरह हो रही है फ्लाफ - कांग्रेस
- पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का इंदौर में बेरोजगार महापंचायत में संबोधन
- आंकड़ों की बाजीगरी से लाड़ली बहनाओं को 450 रू. के गैस सिलेण्डर देने में छल कर रही है शिवराज सरकार !
2500 से ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में लेकिन पड़ोसी तक को पता नहीं

भोपाल, राजधानी में 2500 से ज्यादा कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में हैं। इसके बाद भी इनकी निगरानी ठीक से नहीं हो पा रही है। हालत यह है, की कोरोना के मरीज और उनके परिजन आराम से बाहर घूमते हैं, लेकिन पड़ोसी तक को पता नहीं चल पा रहा है। इसकी वजह यह है कि कोरोना मरीजों के घर में होम आइसोलेशन में रहने या संक्रमित होने का कोई भी पर्चा चस्पा नहीं किया जा रहा है। हफ्ते भर पहले एक बैठक में कलेक्टर अविनाश लवानिया ने नगर निगम को साफ कहा था कि सभी कोरोना मरीजों के घर में वह भी पॉजिटिव होने का पर्चा चस्पा किया जाए।इसका फायदा यह है कि आसपास के लोगों को भी यह पता रहता है कि अमुक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है। वह व्यक्ति घर के बाहर निकलता था तो आसपास के लोग कोरोना कंट्रोल रूम को सूचना देते थे। अब उनकी पहचान नहीं होने की वजह से पता ही नहीं चल पा रहा है। बता दे की कोरोना की पहली लहर में कोरोना संक्रमित के घर में सभी को क्वारंटाइन किया जाता था। किस अवधि से किस अवधि तक के लिए क्वारंटाइन किया गया है इसकी सूचना भी पर्ची पर रहती थी।
सोमवार को होली का अवकाश होने की वजह से रविवार रात और सोमवार को संक्रमित मिले लोगों को फोन पर जानकारी तक नहीं दी गई। संक्रमित होने का मैसेज मिलने के बाद लोगों ने खुद को घर में ही क्वारंटाइन कर लिया। कोरोना कंट्रोल रूम से किसी ने यह भी नहीं पूछा की मरीज की हालत कैसी है। उसके पास होम आइसोलेशन की व्यवस्था है या नहीं। कोलार में रहने वाले एक मरीज ने बताया कि रविवार रात उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन सोमवार शाम 4 बजे तक स्वास्थ्य विभाग से किसी का भी फोन नहीं आया।